Sadhna Sarkar

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Teacher by profession Writer By heart ❤️ इक अधूरी दास्तां और लफ्ज़ों का कारवां 💫

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White हर गुजरता साल कोई ना कोई सीख -सिखा ही देता है और उस सीख से हम थोड़े और परिपक्व बन जाते है ज़िंदगी भर ये सिलसिला यूं ही साल दर साल चलता है तब तक,जब तक हम इस ज़िंदगी की डोर से बंधे हुए है ये सीखना ,सिखाना बस एक पल में बंद हो जाता है जब कोई इंसान*है * से *था * में तब्दील हो जाता है। ©Sadhna Sarkar

#विचार #ankahe_jazbat  White हर गुजरता साल कोई ना कोई सीख -सिखा ही देता है 
और उस सीख से हम थोड़े और परिपक्व बन जाते है 

ज़िंदगी भर ये सिलसिला यूं ही साल दर साल चलता है 
तब तक,जब तक हम इस ज़िंदगी की डोर से बंधे हुए है 

ये सीखना ,सिखाना बस एक पल में बंद हो जाता है 
जब कोई इंसान*है * से *था * में तब्दील हो जाता है।

©Sadhna Sarkar

White लोगों की बेतुकी बातों को क्यों दिल से लगाना जिनका तो काम ही होता है कुछ का कुछ कहना ज़िंदगी ये तुम्हारी है ,इसे तुम्हे ही है संवारना जो टूटे घर की ईंट को चुराएं उनसे क्या डरना ©Sadhna Sarkar

#विचार #ankahe_jazbat  White लोगों की  बेतुकी बातों को क्यों दिल से लगाना 

जिनका तो काम ही होता है कुछ का कुछ कहना

ज़िंदगी  ये  तुम्हारी है  ,इसे तुम्हे ही है संवारना

जो टूटे घर की ईंट को चुराएं उनसे क्या डरना

©Sadhna Sarkar

White हालत और हालात एक दूसरे के पूरक जैसे होते हैं हालात जैसे होते हैं, हालत भी वैसी ही हो जाती हैं ©Sadhna Sarkar

#विचार #ankahe_jazbat  White हालत और हालात एक दूसरे के पूरक जैसे होते हैं 
हालात जैसे होते हैं, हालत भी वैसी  ही हो जाती हैं

©Sadhna Sarkar
#विचार #ankahe_jazbat  White अपने मन के दर्द को ना बाटियों किसी से भी,क्योंकि 
सुनने वाले के हाथ में मरहम नहीं ,नमक ज़रूर होते हैं

©Sadhna Sarkar

#ankahe_jazbat

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#विचार #ankahe_jazbat  White ख़ुद और खुदा से बेहतर ,कोई किसी को 
कभी जान ही नहीं सकता है।

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#ankahe_jazbat

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#कविता #ankahe_jazbat  White  ज़िंदगी की भाग दौड़ से थक गए हो तो सुस्ता सकते हो, हक़ है तुम्हे
कोई जो अगर पसंद आ जाए तो उसे चाह सकते हो, हक़ है तुम्हे 

जो बात तेरे दिल को रुलाए तो जोर से रो सकते हो, हक़ है तुम्हे 
दुनियां की छोड़ कर कभी अपने मन की कर सकते हो, हक़ है तुम्हे 

अपनी नाकामियों,असफलता पर झुंझला सकते हो, हक़ है तुम्हे 
दुनियां जो दर्द दे तो,बदले में खुल के हंस सकते हो,हक़ है तुम्हे 

औरों के लिए नहीं कभी कभी अपने लिए जी सकते हो, हक़ है तुम्हे 
ना बांधो ख़ुद को ख़ुद की जंजीरों में खुल कर जी लो, हक़ है तुम्हे

©Sadhna Sarkar

#ankahe_jazbat

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