सब बदल गया
वक्त, ईरादे, मोहब्बत के रंग
यहाँ तक कहुँ तो सब कुछ...
लोग कहते है
पर दिल आज भी वैसा ही
तेरे यादों से भरा,
मोहब्बत के लिए मरा
पर्वत सा खड़ा ....
तेरे इंतज़ार में है
कर दे मोकम्मल छू के बदन,
कही खुद को तेरे इन्तजात में ख़ाक ना कर ले
ये दिल सिर्फ़ तुझे चाहता है
और चाहता रहेगा
तू मिले या ना मिले तुझे रोज पुकारता रहेगा
पहाड़ो से नदियों से
रोज सुनते है ताने मोहब्बत का
बहुत बेचैन हु अब आ आओ ना
कब तक सीने में आग जलता रहेगा।
©Kaushal Kaushik
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