"तेरे मिलने के वादे पर यक़ीन है मुझे,
मगर तू राहों में अक्सर थमता बहुत है,
हर बार तुझसे मिलने की ख़्वाहिश है दिल में,
पर तेरा क़दम हर कहीं रुकता बहुत है।
वो रास्ते जो हम साथ चलना चाहते थे कभी,
अब उन्हीं मोड़ों पर तू बिखरता बहुत है,
मुझे यकीन था तेरे लौट आने का हर पल,
मगर वक़्त के साथ तू बदलता बहुत है।
दिल चाहता है तुझसे एक आख़िरी बात कह दूं,
पर सच ये है, तू बातों से फिसलता बहुत है।
मिलने का वादा तेरा आज भी बरकरार है,
मगर हर सफर में तू ठहरता बहुत है।"
©silent_03
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