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mai pal do pal ka shayar hu...
Suraiyya Tabassum
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दिल अगर शादाब हो तो हर रोज ईद होती है जो मेरी पूरी नहीं होती वो ख्वाहिश अक्सर शदीद होती है.. -सुरैया तबस्सुम ©Suraiyya Tabassum
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तुझसे बिछड़ के मैं कहां जा सकती हूँ तू मेरे अंदर है तुझे हर जगह पा सकती हूँ हमार मिलना तो शायद अब मुमकिन नहीं लेकिन हाँ, दावत पर तेरे ख्वाबों में मैं आ सकती हूँ देखा था मैंने सिर्फ लबों का ही बोसा "तबस्सुम " नहीं जानती थी कि मैं बोसा नजरों का भी पा सकती हूँ -सुरैया तबस्सुम ©Suraiyya Tabassum
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