Suraiyya Tabassum

Suraiyya Tabassum

mai pal do pal ka shayar hu...

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#ghazal #Dard  औरों को रुलाना हो तो जिस्मानी दर्द दीजिए
गर हम को रुलाना हो तो रूहानी दर्द दीजिए 

फकत मोहब्बत पाए हम तो तुमको भूल जाएंगे 
खुद को याद दिलाना हो तो निशानी दर्द दीजिए

ना मोहब्बत ना चाहत ना कोई और नाम दीजिए 
मेरा फसाना लिखना हो तो मजमूने कहानी दर्द  दीजिए

पीरी में सहने की शायद ना ताब बाकी रह सके 
अभी है जोश है कुवत है जवानी दर्द दीजिए

यह आपके कामों में भला देरी कैसे हो गई 
है खुशनुमा पल है साथी है शाम सुहानी दर्द दीजिए

समझदार लोग गम का बोझ ढो नहीं सकते 
पर आपकी 'तबस्सुम' तो है मौला दीवानी दर्द दीजिए

-सुरैया तबस्सुम

©Suraiyya Tabassum

#Dard #ghazal #Nojoto Sakshi Gupta @Priya Singh @pooja sharma

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#ghazal  कुछ इत्तेफाक था कुछ बदगुमानी  थी 
हमने समझा कि मोहब्बत रूहानी थी 

तेरे कुर्ब में भी सनम क्या जिंदगानी थी 
दिन भी खूबसूरत था रात भी सुहानी थी 

प्यार उसको भला कैसे मोआसरा कहता 
वह तो उसकी कच्ची उम्र की नादानी थी 

हमारा किस्सा भी कुछ अलग कहाँ था 
वही लैला मजनू की अधूरी कहानी थी 

जिस दिए कि नूर से खतरा है मेरी आँखों को 
उसी से कमबखत ये आंखें भी टकरानी थी 

जिस शाख पे हमारा था नशेमन 'तबस्सुम'
तूफान को भी जालिम उसी पे आनी थी

-सुरैया तबस्सुम

©Suraiyya Tabassum
#kashmakash  बड़ी गर्दिश में हम आजकल हो चुके हैं 
कशमकश में हमारे जो कुछ पल हो चुके हैं 
जिनकी चाहत हमें कभी थी ही नहीं 
उनके आशिक हम बेहद आजकल हो चुके हैं

-सुरैया तबस्सुम

©Suraiyya Tabassum

#kashmakash

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#Ustad #guru  माँ बाप अौर उस्ताद सब है खुदा की रहमत
है रोक टोक उनके हक में तुम्हारे नेमत

-अल्ताफ हुसैन हाली

©Suraiyya Tabassum

#guru purnima #Ustad

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दिल अगर शादाब हो तो हर रोज ईद होती है जो मेरी पूरी नहीं होती वो ख्वाहिश अक्सर शदीद होती है.. -सुरैया तबस्सुम ©Suraiyya Tabassum

#khwahish #Eid  दिल अगर शादाब हो तो हर रोज ईद होती है 
जो मेरी पूरी नहीं होती वो ख्वाहिश अक्सर शदीद होती है..

-सुरैया तबस्सुम

©Suraiyya Tabassum

तुझसे बिछड़ के मैं कहां जा सकती हूँ तू मेरे अंदर है तुझे हर जगह पा सकती हूँ हमार मिलना तो शायद अब मुमकिन नहीं लेकिन हाँ, दावत पर तेरे ख्वाबों में मैं आ सकती हूँ देखा था मैंने सिर्फ लबों का ही बोसा "तबस्सुम " नहीं जानती थी कि मैं बोसा नजरों का भी पा सकती हूँ -सुरैया तबस्सुम ©Suraiyya Tabassum

#bicchdna #Her  तुझसे बिछड़ के मैं कहां जा सकती हूँ
तू मेरे अंदर है तुझे हर जगह पा सकती हूँ 
हमार मिलना तो शायद अब मुमकिन नहीं लेकिन 
हाँ, दावत पर तेरे ख्वाबों में मैं आ सकती हूँ
देखा था मैंने सिर्फ लबों का ही बोसा "तबस्सुम "
नहीं जानती थी कि मैं बोसा नजरों का भी पा सकती हूँ

-सुरैया तबस्सुम

©Suraiyya Tabassum

#bicchdna #Her hamzha gazal

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