Kamlesh Bohra

Kamlesh Bohra Lives in Rudrapur, Uttarakhand, India

काव्य, ब्लॉग, विचार

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कभी कभी दिल करता है कि तुम्हें आवाज़ लगा लूं और पूछूं क्या हम कभी मिल सकते हैं? आखिर मैं ही क्यूं ? क्या दीवारों को तोड़कर एक नहीं हो सकते ? मैने तुम्हारे सामने समर्पण कर दिया है! लेकिन जब तुम्हें आवाज़ लगाता हूं तो खो सा जाता हूं, मेरा मन सिर्फ तुम्हें चाहता है। लगता है, किसी भी पल रोशनी आ जाएगी, मस्तिष्क में असीम शांति का अहसास होता है। ये लिखते हुए भी मैं सिर्फ तुम्हें देख रहा हूं। ये लिखते हुए भी तुम सचित्र मेरे सामने हो। मैं लिखता भी इसलिए हूं क्यूंकि डरता हूं, कहीं तुम दूर ना हो जाओ। और फिर डरता हूं, उन लंबे उदासी भरे दिनों को सोचकर। और चाहता हूं, बस साथ तुम्हारा और उस सुखद अहसास को जो सदियों से हमारे बीच है। क्या तुम जानते हो, तुम्हारे जाते ही उदासियों ने दिल में घर कर लिया था। अब थोड़ा सुकून सा है। ©Kamlesh Bohra

#कविता #Missing  कभी कभी दिल करता है कि तुम्हें आवाज़ लगा लूं
और पूछूं
क्या हम कभी  मिल सकते हैं?

आखिर मैं ही क्यूं ?

क्या दीवारों को तोड़कर एक नहीं हो सकते ?
मैने तुम्हारे सामने
समर्पण कर दिया है!

लेकिन जब तुम्हें आवाज़ लगाता हूं 
तो खो सा जाता हूं, 
मेरा मन सिर्फ तुम्हें चाहता है।

लगता है, 
किसी भी पल रोशनी आ जाएगी, 
मस्तिष्क में असीम शांति का अहसास होता है।

ये लिखते हुए भी मैं सिर्फ तुम्हें देख रहा हूं।
ये लिखते हुए भी तुम सचित्र मेरे सामने हो।


मैं लिखता भी इसलिए हूं क्यूंकि डरता हूं,
कहीं तुम दूर ना हो जाओ। 
और फिर डरता हूं,
उन लंबे उदासी भरे दिनों को सोचकर।

और चाहता हूं, बस साथ तुम्हारा
और उस सुखद अहसास को
जो सदियों से हमारे बीच है।
क्या तुम जानते हो, 
तुम्हारे जाते ही
उदासियों ने 
दिल में घर कर लिया था।
अब थोड़ा सुकून सा है।

©Kamlesh Bohra

#Missing Praveen Storyteller Irfan Saeed Bulandshari Ruchika Satish @Anupriya

26 Love

#कविता

@Priyanka Modi Mल्लिका @anudeep.poet .. Dhyaan mira Praveen Storyteller

14,033 View

मौन रहना ही उचित लगा, जब लोगों ने कौन ? कहना शुरू किया! ©Kamlesh Bohra

#विचार  मौन रहना ही उचित लगा,
जब लोगों ने 
कौन ?
कहना शुरू किया!

©Kamlesh Bohra

मौन रहना ही उचित लगा, जब लोगों ने कौन ? कहना शुरू किया! ©Kamlesh Bohra

20 Love

यह प्यारा प्रेम पत्र मेरे दिल द्वारा रचित है मेरे प्रिय... आशा है कि तुम वहाँ अच्छे हो..मैं यहाँ अच्छा हूँ हमारी सारी कल्पनाएँ आँखों के दायरे में एक मधुर गीत हैं। हमारे द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द हमारे सपनों की सुंदर कविताओं को प्रतिध्वनित करता है। मेरे दिल का घाव प्यार के जादू से भर गया है मेरा शरीर कितना भी दर्द सह सकता है, लेकिन तुम्हारी कोमल आत्मा एक फूल की झिलमिलाहट भी नहीं ले सकती प्यार का ये दीवानापन खुद बयां हो रहा है। और टपकते आँसुओं में पिघल रहा है अगर तुम्हारा दिल दुख से भरा है तो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता यह प्यार लोगों के फैसले से परे है... असाधारण... धधकती आग से भी पवित्र दिल उस स्नेह की रचना करता है। जिसे हम एक सुखदायक लोरी के रूप में साझा करते हैं। देवी पार्वती के रूप में भगवान शिव के लिए है। मेरे दूसरे भाग में विकसित होना अर्धनारी की तरह हे उमादेवी चैन से सो जाओ। ©Kamlesh Bohra

#thought #लव  यह प्यारा प्रेम पत्र मेरे दिल द्वारा रचित है
मेरे प्रिय...
आशा है कि तुम वहाँ अच्छे हो..मैं यहाँ अच्छा हूँ
हमारी सारी कल्पनाएँ आँखों के दायरे में एक मधुर गीत हैं।
हमारे द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द 
हमारे सपनों की सुंदर कविताओं को प्रतिध्वनित करता है।
मेरे दिल का घाव प्यार के जादू से भर गया है
मेरा शरीर कितना भी दर्द सह सकता है, 
लेकिन तुम्हारी कोमल आत्मा 
एक फूल की झिलमिलाहट भी नहीं ले सकती
प्यार का ये दीवानापन खुद बयां हो रहा है।
और टपकते आँसुओं में पिघल रहा है
अगर तुम्हारा दिल दुख से भरा है तो 
मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता
यह प्यार लोगों के फैसले से परे है...
असाधारण... धधकती आग से भी पवित्र
दिल उस स्नेह की रचना करता है।
जिसे हम एक सुखदायक लोरी के रूप में साझा करते हैं।
देवी पार्वती के रूप में भगवान शिव के लिए है।
मेरे दूसरे भाग में विकसित होना
अर्धनारी की तरह
हे उमादेवी चैन से सो जाओ।

©Kamlesh Bohra

#thought

22 Love

#ज़िन्दगी  मैने कभी कहा नहीं उससे की प्यार करता हूं तुझ से मैं,
डरता था कि कहीं ये जो हल्की बहुत बातचीत हो जाया करती है ना, कहीं यह बंद ना हो जाए।
मैं उसका साथ कभी छोड़ना नहीं चाहता था,
फिर भी ना जाने क्यों  अनचाही दूरियां बन गई।
फिर एक दिन हमारी बातें होना बंद हो गई
जैसा अक्सर हुआ करता है, मैं कभी कभी
किसी ना किसी बहाने मैसेज कर दिया करता था।
उसका जवाब देना ना देना, ये उस पर निर्भर था।
अब हम सिर्फ एक दूसरे के स्टेटस देखा करतें हैं।
इंस्टा से तो छूट गई वो, व्हाट्स ऐप में आज भी है।

©Kamlesh Bohra

मैने कभी कहा नहीं उससे की प्यार करता हूं तुझ से मैं, डरता था कि कहीं ये जो हल्की बहुत बातचीत हो जाया करती है ना, कहीं यह बंद ना हो जाए। मैं उसका साथ कभी छोड़ना नहीं चाहता था, फिर भी ना जाने क्यों अनचाही दूरियां बन गई। फिर एक दिन हमारी बातें होना बंद हो गई जैसा अक्सर हुआ करता है, मैं कभी कभी किसी ना किसी बहाने मैसेज कर दिया करता था। उसका जवाब देना ना देना, ये उस पर निर्भर था। अब हम सिर्फ एक दूसरे के स्टेटस देखा करतें हैं। इंस्टा से तो छूट गई वो, व्हाट्स ऐप में आज भी है। ©Kamlesh Bohra

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ना जाने, यह दुनिया किस भागदौड़ में पड़ी है। कभी बलात्कार, तो कभी हत्या सुनकर भी जनता, बस खामोश खड़ी हैं। मर कर ले भी जाओगे साथ तो क्या ले जाओगे एक बूढ़ा शरीर, और अंत में 'काश' ले जाओगे। ©Kamlesh Bohra

#विचार #think  ना जाने, यह दुनिया 
किस भागदौड़ में पड़ी है।
कभी बलात्कार, तो कभी हत्या
सुनकर भी जनता, बस खामोश खड़ी हैं।
मर कर ले भी जाओगे साथ
तो क्या ले जाओगे
एक बूढ़ा शरीर, और
अंत में 'काश' ले जाओगे।

©Kamlesh Bohra

#think

15 Love

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