ना जाने, यह दुनिया किस भागदौड़ में पड़ी है। कभी ब | हिंदी विचार

"ना जाने, यह दुनिया किस भागदौड़ में पड़ी है। कभी बलात्कार, तो कभी हत्या सुनकर भी जनता, बस खामोश खड़ी हैं। मर कर ले भी जाओगे साथ तो क्या ले जाओगे एक बूढ़ा शरीर, और अंत में 'काश' ले जाओगे। ©Kamlesh Bohra"

 ना जाने, यह दुनिया 
किस भागदौड़ में पड़ी है।
कभी बलात्कार, तो कभी हत्या
सुनकर भी जनता, बस खामोश खड़ी हैं।
मर कर ले भी जाओगे साथ
तो क्या ले जाओगे
एक बूढ़ा शरीर, और
अंत में 'काश' ले जाओगे।

©Kamlesh Bohra

ना जाने, यह दुनिया किस भागदौड़ में पड़ी है। कभी बलात्कार, तो कभी हत्या सुनकर भी जनता, बस खामोश खड़ी हैं। मर कर ले भी जाओगे साथ तो क्या ले जाओगे एक बूढ़ा शरीर, और अंत में 'काश' ले जाओगे। ©Kamlesh Bohra

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