Ashish Bhagat

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White "जिंदगी का सच" ख्वाब टूटते रहे, हम संभलते रहे, दुनिया की ठोकरों से हर रोज़ जलते रहे। जो अपना था, वो पराया सा निकला, और हम अपनों के बीच भी अकेले चलते रहे। आंसुओं की बारिश में दिल डूबा रहा, हर खुशी के पीछे एक गम छुपा रहा। चाहत थी कि कोई तो समझे हमें, पर हर रिश्ता बस एक धोखा सा रहा। अब खुद से बात करने की आदत हो गई, अपने जख्मों पर मरहम की ताकत हो गई। जिंदगी ने चाहे जितने भी दर्द दिए हों, हमने फिर भी मुस्कुराने की हिम्मत कर ली। ©Ashish Bhagat

#कविता #good_night  White "जिंदगी का सच"

ख्वाब टूटते रहे, हम संभलते रहे,
दुनिया की ठोकरों से हर रोज़ जलते रहे।
जो अपना था, वो पराया सा निकला,
और हम अपनों के बीच भी अकेले चलते रहे।

आंसुओं की बारिश में दिल डूबा रहा,
हर खुशी के पीछे एक गम छुपा रहा।
चाहत थी कि कोई तो समझे हमें,
पर हर रिश्ता बस एक धोखा सा रहा।

अब खुद से बात करने की आदत हो गई,
अपने जख्मों पर मरहम की ताकत हो गई।
जिंदगी ने चाहे जितने भी दर्द दिए हों,
हमने फिर भी मुस्कुराने की हिम्मत कर ली।

©Ashish Bhagat

#good_night #Poetry #Shayari

8 Love

White "टूटे हुए अरमान" सपनों का शहर हमने बसाया था, हर ख्वाब को दिल से सजाया था। पर वक्त ने ऐसा खेल दिखाया, सब कुछ होते हुए भी कुछ न पाया। जिनसे दिल लगाया, वो दूर हो गए, जिन्हें अपना समझा, वो गैर हो गए। हम हर मोड़ पर संभलने की कोशिश करते रहे, पर जिंदगी के थपेड़े हमें तोड़ते रहे। अब बस यादों का बोझ लिए चलते हैं, खामोश रहकर हर दर्द सहते हैं। मगर एक आस दिल में बाकी है, शायद किसी मोड़ पर फिर से खुशी झांकेगी। ©Ashish Bhagat

#कविता #Sad_Status  White "टूटे हुए अरमान"

सपनों का शहर हमने बसाया था,
हर ख्वाब को दिल से सजाया था।
पर वक्त ने ऐसा खेल दिखाया,
सब कुछ होते हुए भी कुछ न पाया।

जिनसे दिल लगाया, वो दूर हो गए,
जिन्हें अपना समझा, वो गैर हो गए।
हम हर मोड़ पर संभलने की कोशिश करते रहे,
पर जिंदगी के थपेड़े हमें तोड़ते रहे।

अब बस यादों का बोझ लिए चलते हैं,
खामोश रहकर हर दर्द सहते हैं।
मगर एक आस दिल में बाकी है,
शायद किसी मोड़ पर फिर से खुशी झांकेगी।

©Ashish Bhagat

#Sad_Status #Poetry #Shayari

11 Love

White "अधूरी चाहत" तुम्हें चाहा था दिल से, ये गुनाह कर बैठे, अपनी खुशियों का हर हिसाब गवा बैठे। तुम्हारे साथ जो ख्वाब सजाए थे हमने, उन ख्वाबों को आज आंसुओं से बहा बैठे। हर कदम पर तुम्हारा साथ मांगा था, हर गम में बस तेरा नाम मांगा था। पर तुमने हमें कभी अपना माना नहीं, और हमने तुम्हारे सिवा किसी को जाना नहीं। अब ये दिल भी खाली सा लगता है, हर रिश्ता एक कहानी सा लगता है। अधूरी चाहत के दर्द को दिल में छुपाए, हम अपनी तकदीर से हारते चले जाते हैं। ©Ashish Bhagat

#कविता #Sad_Status  White "अधूरी चाहत"

तुम्हें चाहा था दिल से, ये गुनाह कर बैठे,
अपनी खुशियों का हर हिसाब गवा बैठे।
तुम्हारे साथ जो ख्वाब सजाए थे हमने,
उन ख्वाबों को आज आंसुओं से बहा बैठे।

हर कदम पर तुम्हारा साथ मांगा था,
हर गम में बस तेरा नाम मांगा था।
पर तुमने हमें कभी अपना माना नहीं,
और हमने तुम्हारे सिवा किसी को जाना नहीं।

अब ये दिल भी खाली सा लगता है,
हर रिश्ता एक कहानी सा लगता है।
अधूरी चाहत के दर्द को दिल में छुपाए,
हम अपनी तकदीर से हारते चले जाते हैं।

©Ashish Bhagat

#Sad_Status #Poetry #Shayari

13 Love

White "खामोशियां बोलती हैं" खामोशियों में छुपा एक गहरा राज है, दिल का हर जख्म जैसे आवाज है। सुनने वाला कोई नहीं इस भीड़ में, पर ये खामोशी भी अब मेरे साथ है। हर लम्हा सवाल करता है मुझसे, क्या गलती थी मेरी जो ये सजा मिली है? किसी अपने से उम्मीद थी कभी, पर अब तन्हाई मेरी हमसफर बनी है। दुनिया के मेले में मैं अकेला खड़ा हूं, अपने ही साए से आज डरा हुआ हूं। पर ये दर्द भी मेरा एक हिस्सा है, जो हर दिन मुझे जीने का सबक देता है। ©Ashish Bhagat

#कविता #Sad_Status #SAD  White "खामोशियां बोलती हैं"

खामोशियों में छुपा एक गहरा राज है,
दिल का हर जख्म जैसे आवाज है।
सुनने वाला कोई नहीं इस भीड़ में,
पर ये खामोशी भी अब मेरे साथ है।

हर लम्हा सवाल करता है मुझसे,
क्या गलती थी मेरी जो ये सजा मिली है?
किसी अपने से उम्मीद थी कभी,
पर अब तन्हाई मेरी हमसफर बनी है।

दुनिया के मेले में मैं अकेला खड़ा हूं,
अपने ही साए से आज डरा हुआ हूं।
पर ये दर्द भी मेरा एक हिस्सा है,
जो हर दिन मुझे जीने का सबक देता है।

©Ashish Bhagat

#Sad_Status #SAD #Poetry #Shayari

12 Love

Unsplash "ख्वाब और हकीकत" ख्वाबों की दुनिया बड़ी रंगीन थी, हर मंज़िल करीब और जमीन नर्म थी। चाहत के किस्से, उम्मीदों की बातें, दिल के अरमानों में बसी थीं रातें। पर जब कदम रखा हकीकत की राहों में, मुस्कान खो गई कड़ी चाहतों में। दर्द का समंदर हर कोने में मिला, ख्वाबों का सवेरा कहीं खो सा गया। अब दिल ने सिख लिया है सहना, हर ग़म को अपना कहकर सहना। पर फिर भी उम्मीद के दीप जलते हैं, टूटे ख्वाब हर रात बनकर संवरते हैं। हकीकत भले सख्त हो, बेरहम हो, पर ख्वाबों में आज भी नर्म एहसास हैं। क्योंकि ये दिल अब भी जीता है, उन अधूरी कहानियों के पास हैं। ©Ashish Bhagat

#कविता #Book #poem  Unsplash "ख्वाब और हकीकत"

ख्वाबों की दुनिया बड़ी रंगीन थी,
हर मंज़िल करीब और जमीन नर्म थी।
चाहत के किस्से, उम्मीदों की बातें,
दिल के अरमानों में बसी थीं रातें।

पर जब कदम रखा हकीकत की राहों में,
मुस्कान खो गई कड़ी चाहतों में।
दर्द का समंदर हर कोने में मिला,
ख्वाबों का सवेरा कहीं खो सा गया।

अब दिल ने सिख लिया है सहना,
हर ग़म को अपना कहकर सहना।
पर फिर भी उम्मीद के दीप जलते हैं,
टूटे ख्वाब हर रात बनकर संवरते हैं।

हकीकत भले सख्त हो, बेरहम हो,
पर ख्वाबों में आज भी नर्म एहसास हैं।
क्योंकि ये दिल अब भी जीता है,
उन अधूरी कहानियों के पास हैं।

©Ashish Bhagat

#Book #Poetry #Shayari #poem

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Unsplash ख्वाब पूरे करने का जुनून तो बहुत था, पर किस्मत ने हर मोड़ पर धोखा दिया। ©Ashish Bhagat

#शायरी #traveling #SAD  Unsplash 
ख्वाब पूरे करने का जुनून तो बहुत था,
पर किस्मत ने हर मोड़ पर धोखा दिया।

©Ashish Bhagat

#traveling #SAD #Shayari #Poetry

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