White "अधूरी चाहत"
तुम्हें चाहा था दिल से, ये गुनाह कर बैठे,
अपनी खुशियों का हर हिसाब गवा बैठे।
तुम्हारे साथ जो ख्वाब सजाए थे हमने,
उन ख्वाबों को आज आंसुओं से बहा बैठे।
हर कदम पर तुम्हारा साथ मांगा था,
हर गम में बस तेरा नाम मांगा था।
पर तुमने हमें कभी अपना माना नहीं,
और हमने तुम्हारे सिवा किसी को जाना नहीं।
अब ये दिल भी खाली सा लगता है,
हर रिश्ता एक कहानी सा लगता है।
अधूरी चाहत के दर्द को दिल में छुपाए,
हम अपनी तकदीर से हारते चले जाते हैं।
©Ashish Bhagat
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