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Shivesh Raja

Shivesh Raja Lives in Barabanki, Uttar Pradesh, India

हम  दिल  से  हारे  बैठे  थे. हालात  के  मारे   बैठे   थे. और उसकी कुछ यादों के संग. बस नदी   किनारे   बैठे  थे. शिवेश राजा

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White डोर कमजोर हो गई होगी. रात से भोर हो गई होगी. हमसे गाड़ी हमारी छूट गई. हां हमसे देर हो गई होगी. ©Shivesh Raja

#शायरी #sad_quotes  White डोर कमजोर हो गई होगी.
रात से भोर हो गई होगी.
हमसे गाड़ी हमारी छूट गई. 
हां हमसे देर हो गई होगी.

©Shivesh Raja

#sad_quotes

13 Love

धोखे से गीदड़ओ ने जाके सिंह को घेरा. तब काल भी गहराया लगा मौत का पहरा. दोनों तरफ से धांय - धांय गोलियां चली. अंग्रेजीयत की शाख तब आजाद से हिली. तब काल ने भी देखा मंजर संघार का. शायद समय भी आ गया अंतिम प्रहार का. जो आखरी गोली कि थी वो पिस्टल में डालकर. माथे पर लगाते ही हुआ जोरदार स्वर.।। एक स्वप्न उस बरगद के तले टूट गया था. स्वाधीनता का ख्वाब जैसे लूट गया था. लेकिन गरज के बोल पड़ा धरती का लाल वो. आजाद तुझको कर ना सका मुझको मलाल वो. अंतिम प्रणाम मेरा स्वीकार करो मां. गोदी में बिठा लो मुझे दुलार करो मां. मरते समय भी शौर्य का मैं गान करूंगा. आजाद था आजाद हूं आजाद मरूंगा.।। चन्द्रशेखर आज़ाद जी की जन्म जयंती पर उन्हें शत शत नमन 💐🙏 ©Shivesh Raja

#ChandraShekharAzaad #कविता  धोखे  से   गीदड़ओ   ने  जाके   सिंह  को  घेरा.
तब  काल  भी  गहराया  लगा  मौत  का  पहरा.
दोनों  तरफ   से  धांय  -  धांय   गोलियां   चली.
अंग्रेजीयत   की  शाख  तब  आजाद  से  हिली.
तब  काल   ने   भी   देखा   मंजर   संघार   का.
शायद  समय  भी  आ  गया  अंतिम  प्रहार  का.
जो आखरी गोली कि थी वो पिस्टल में डालकर.
माथे   पर   लगाते    ही   हुआ   जोरदार   स्वर.।।
एक  स्वप्न  उस   बरगद  के  तले  टूट  गया  था.
स्वाधीनता   का   ख्वाब   जैसे   लूट   गया   था.
लेकिन  गरज  के बोल पड़ा  धरती का लाल वो. 
आजाद तुझको कर ना सका मुझको मलाल वो. 
अंतिम    प्रणाम     मेरा     स्वीकार    करो   मां.
गोदी   में   बिठा    लो    मुझे   दुलार   करो  मां.
मरते   समय  भी  शौर्य   का   मैं   गान  करूंगा.
आजाद   था   आजाद     हूं    आजाद   मरूंगा.।।


चन्द्रशेखर आज़ाद जी की जन्म
 जयंती पर उन्हें शत शत नमन 💐🙏

©Shivesh Raja

हैं प्रकटे मेरे राम प्रभु वसुधा सारी आह्लादित है. किलकारी सुन भ्राताओं की आसुरी शक्तियां भी बाधित है. हे धन्य हो तुम कौशल्या मां तुमने एक युग को जन्म दिया. पंछी भी सुर में गाते हैं कण - कण लगता है वादित है. ©Shivesh Raja

#कविता  हैं   प्रकटे   मेरे   राम  प्रभु   वसुधा   सारी  आह्लादित   है.
किलकारी सुन भ्राताओं की आसुरी शक्तियां भी बाधित है.
हे धन्य हो तुम कौशल्या मां तुमने एक युग को जन्म दिया.
पंछी भी  सुर में  गाते  हैं कण - कण  लगता  है  वादित है.

©Shivesh Raja

हैं प्रकटे मेरे राम प्रभु वसुधा सारी आह्लादित है. किलकारी सुन भ्राताओं की आसुरी शक्तियां भी बाधित है. हे धन्य हो तुम कौशल्या मां तुमने एक युग को जन्म दिया. पंछी भी सुर में गाते हैं कण - कण लगता है वादित है. ©Shivesh Raja

12 Love

जब पल्लवित नव  पत्र होकर  मुस्कुराता है. जब गीत  नूतन  वर्ष  का  मौसम  सुनाता है. जब ब्रह्म खुद सृष्टि  की रचना गढ़ने लगते हैं. जब राम  सिंहासन  की  ओर  बढ़ने लगते हैं. जब मिलकर समूची  मेदिनी भी गुनगुनाती है. जब कोकिला  आकाश  में गीतों  को गाती है. तब हम  प्रकृति की गोद  में घर को सजाते हैं. चैत्रशुक्ल प्रतिपदा पक्ष हिन्दू नववर्ष मनाते हैं. 🚩🚩🚩हिन्दू नव वर्ष 🚩🚩🚩 ©Shivesh Raja

#कविता  जब पल्लवित नव  पत्र होकर  मुस्कुराता है.

जब गीत  नूतन  वर्ष  का  मौसम  सुनाता है.

जब ब्रह्म खुद सृष्टि  की रचना गढ़ने लगते हैं.

जब राम  सिंहासन  की  ओर  बढ़ने लगते हैं.

जब मिलकर समूची  मेदिनी भी गुनगुनाती है.

जब कोकिला  आकाश  में गीतों  को गाती है.

तब हम  प्रकृति की गोद  में घर को सजाते हैं.

चैत्रशुक्ल प्रतिपदा पक्ष हिन्दू नववर्ष मनाते हैं.


🚩🚩🚩हिन्दू नव वर्ष 🚩🚩🚩

©Shivesh Raja

जब पल्लवित नव  पत्र होकर  मुस्कुराता है. जब गीत  नूतन  वर्ष  का  मौसम  सुनाता है. जब ब्रह्म खुद सृष्टि  की रचना गढ़ने लगते हैं. जब राम  सिंहासन  की  ओर  बढ़ने लगते हैं. जब मिलकर समूची  मेदिनी भी गुनगुनाती है. जब कोकिला  आकाश  में गीतों  को गाती है. तब हम  प्रकृति की गोद  में घर को सजाते हैं. चैत्रशुक्ल प्रतिपदा पक्ष हिन्दू नववर्ष मनाते हैं. 🚩🚩🚩हिन्दू नव वर्ष 🚩🚩🚩 ©Shivesh Raja

13 Love

दिल में कुछ यार नहीं होता है. आठ नव दस बार नहीं होता है. एक के बाद हो अगर तो फिर. कुछ भी हो प्यार नहीं होता है. ©Shivesh Raja

#कविता #Light  दिल में कुछ यार नहीं होता है. 
आठ नव दस बार नहीं होता है.
एक के बाद हो अगर तो फिर.
कुछ भी हो प्यार नहीं होता है.

©Shivesh Raja

#Light

10 Love

किसी के दर्द सीने  का कोई कब जान पाता है. कोई  शीशा  जो टूटे कौन उसको जोड़ पाता है. यहां सब अपनी -अपनी बात में मशगूल बैठे हैं. नदी की आंख का पानी कोई कब देख पाता है. ©Shivesh Raja

#कविता #Save  किसी के दर्द सीने  का कोई कब जान पाता है.
कोई  शीशा  जो टूटे कौन उसको जोड़ पाता है.
यहां सब अपनी -अपनी बात में मशगूल बैठे हैं.
नदी की आंख का पानी कोई कब देख पाता है.

©Shivesh Raja

#Save

5 Love

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