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Unsplash हाथों मे हथकड़िया है रहने को अँधेरी उबाउ | हिंदी Poetry

"Unsplash हाथों मे हथकड़िया है रहने को अँधेरी उबाउ कोठरिया है क्षतिग्रस्त क्षणो को आकाशीय तारो क़ी रौशनी मिल रहीं है ©Parasram Arora"

 Unsplash हाथों मे हथकड़िया है 
रहने को अँधेरी 
उबाउ कोठरिया है
 क्षतिग्रस्त   क्षणो को 
आकाशीय तारो क़ी 
रौशनी मिल रहीं है

©Parasram Arora

Unsplash हाथों मे हथकड़िया है रहने को अँधेरी उबाउ कोठरिया है क्षतिग्रस्त क्षणो को आकाशीय तारो क़ी रौशनी मिल रहीं है ©Parasram Arora

क्षति ग्रस्त क्षण

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