HINDI SAHITYA SAGAR

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I'm SHAILENDRA RAJPOOT, a poet,writer, artist, painter... खमसार, दहलीज़, दुवारे छोड़ आया हूँ, खलिहान, मड़नी, चौबारे छोड़ आया हूँ, चमकते चंद सिक्कों की खातिर, लाखों रुपहले सितारे छोड़ आया हूँ। -शैलेन्द्र राजपूत https://www.youtube.com/@hindisahityasagar1

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Unsplash सत्यनिष्ठा केवल व्यक्तिगत गुण नही है, बल्कि यह राष्ट्र की नीति और शासन का आधार है। ©HINDI SAHITYA SAGAR

#leafbook  Unsplash सत्यनिष्ठा केवल व्यक्तिगत गुण नही है,
बल्कि यह राष्ट्र की नीति और शासन का आधार है।

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#leafbook

12 Love

Unsplash संघर्ष करो अतिहर्ष करो, संघर्ष की ही है यह दुनियाँ। संघर्षशील है प्राणी जो, करती है नमन उसको दुनियाँ।। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR

#leafbook  Unsplash संघर्ष करो अतिहर्ष करो, संघर्ष की ही है यह दुनियाँ।
संघर्षशील है प्राणी जो, करती है नमन उसको दुनियाँ।।
                 -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR

#leafbook

15 Love

White कविता : याद करो उन राहों को याद करो, उन आहों को याद करो, कसकर गले लगाने वाली, उन बाहों को याद करो। उन रातों को याद करो, उन ख़्वाबों को याद करो, जिक्र हुआ न जिन बातों का, उन बातों को तुम याद करो। उन कसमों को याद करो, उन रस्मों को याद करो, उन निश्छल, कोरे-कोरे, स्वप्नों को तुम याद करो। उन भावों को याद करो, अनुभावों को याद करो, दुःखती रग सहलाये जो, उन घावों को याद करो। उन वादों को याद करो, परिवादों को याद करो, खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं, उन यादों को याद करो। याद करो, तुम याद करो, बस याद करो, और याद करो, तुम याद करो। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR

#good_night  White कविता : याद करो

उन राहों को याद करो,
उन आहों को याद करो,
कसकर गले लगाने वाली,
उन बाहों को याद करो।

उन रातों को याद करो,
उन ख़्वाबों को याद करो,
जिक्र हुआ न जिन बातों का,
उन बातों को तुम याद करो।

उन कसमों को याद करो,
उन रस्मों को याद करो,
उन निश्छल, कोरे-कोरे, 
स्वप्नों को तुम याद करो।

उन भावों को याद करो,
अनुभावों को याद करो,
दुःखती रग सहलाये जो,
उन घावों को याद करो।

उन वादों को याद करो,
परिवादों को याद करो,
खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं,
उन यादों को याद करो।

याद करो, 
तुम याद करो,
बस याद करो,
और याद करो,
तुम याद करो।
       -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR

#good_night

19 Love

White कविता : याद करो उन राहों को याद करो, उन आहों को याद करो, कसकर गले लगाने वाली, उन बाहों को याद करो। उन रातों को याद करो, उन ख़्वाबों को याद करो, जिक्र हुआ न जिन बातों का, उन बातों को तुम याद करो। उन कसमों को याद करो, उन रस्मों को याद करो, उन निश्छल, कोरे-कोरे, स्वप्नों को तुम याद करो। उन भावों को याद करो, अनुभावों को याद करो, दुःखती रग सहलाये जो, उन घावों को याद करो। उन वादों को याद करो, परिवादों को याद करो, खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं, उन यादों को याद करो। याद करो, तुम याद करो, बस याद करो, और याद करो, तुम याद करो। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR

#Sad_Status  White कविता : याद करो

उन राहों को याद करो,
उन आहों को याद करो,
कसकर गले लगाने वाली,
उन बाहों को याद करो।

उन रातों को याद करो,
उन ख़्वाबों को याद करो,
जिक्र हुआ न जिन बातों का,
उन बातों को तुम याद करो।

उन कसमों को याद करो,
उन रस्मों को याद करो,
उन निश्छल, कोरे-कोरे, 
स्वप्नों को तुम याद करो।

उन भावों को याद करो,
अनुभावों को याद करो,
दुःखती रग सहलाये जो,
उन घावों को याद करो।

उन वादों को याद करो,
परिवादों को याद करो,
खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं,
उन यादों को याद करो।

याद करो, 
तुम याद करो,
बस याद करो,
और याद करो,
तुम याद करो।
       -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR

#Sad_Status

20 Love

White कविता : याद करो उन राहों को याद करो, उन आहों को याद करो, कसकर गले लगाने वाली, उन बाहों को याद करो। उन रातों को याद करो, उन ख़्वाबों को याद करो, जिक्र हुआ न जिन बातों का, उन बातों को तुम याद करो। उन कसमों को याद करो, उन रस्मों को याद करो, उन निश्छल, कोरे-कोरे, स्वप्नों को तुम याद करो। उन भावों को याद करो, अनुभावों को याद करो, दुःखती रग सहलाये जो, उन घावों को याद करो। उन वादों को याद करो, परिवादों को याद करो, खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं, उन यादों को याद करो। याद करो, तुम याद करो, बस याद करो, और याद करो, तुम याद करो। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR

#good_night  White कविता : याद करो

उन राहों को याद करो,
उन आहों को याद करो,
कसकर गले लगाने वाली,
उन बाहों को याद करो।

उन रातों को याद करो,
उन ख़्वाबों को याद करो,
जिक्र हुआ न जिन बातों का,
उन बातों को तुम याद करो।

उन कसमों को याद करो,
उन रस्मों को याद करो,
उन निश्छल, कोरे-कोरे, 
स्वप्नों को तुम याद करो।

उन भावों को याद करो,
अनुभावों को याद करो,
दुःखती रग सहलाये जो,
उन घावों को याद करो।

उन वादों को याद करो,
परिवादों को याद करो,
खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं,
उन यादों को याद करो।

याद करो, 
तुम याद करो,
बस याद करो,
और याद करो,
तुम याद करो।
       -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR

#good_night

12 Love

White कविता : याद करो उन राहों को याद करो, उन आहों को याद करो, कसकर गले लगाने वाली, उन बाहों को याद करो। उन रातों को याद करो, उन ख़्वाबों को याद करो, जिक्र हुआ न जिन बातों का, उन बातों को तुम याद करो। उन कसमों को याद करो, उन रस्मों को याद करो, उन निश्छल, कोरे-कोरे, स्वप्नों को तुम याद करो। उन भावों को याद करो, अनुभावों को याद करो, दुःखती रग सहलाये जो, उन घावों को याद करो। उन वादों को याद करो, परिवादों को याद करो, खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं, उन यादों को याद करो। याद करो, तुम याद करो, बस याद करो, और याद करो, तुम याद करो। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR

#love_shayari  White कविता : याद करो

उन राहों को याद करो,
उन आहों को याद करो,
कसकर गले लगाने वाली,
उन बाहों को याद करो।

उन रातों को याद करो,
उन ख़्वाबों को याद करो,
जिक्र हुआ न जिन बातों का,
उन बातों को तुम याद करो।

उन कसमों को याद करो,
उन रस्मों को याद करो,
उन निश्छल, कोरे-कोरे, 
स्वप्नों को तुम याद करो।

उन भावों को याद करो,
अनुभावों को याद करो,
दुःखती रग सहलाये जो,
उन घावों को याद करो।

उन वादों को याद करो,
परिवादों को याद करो,
खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं,
उन यादों को याद करो।

याद करो, 
तुम याद करो,
बस याद करो,
और याद करो,
तुम याद करो।
       -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR

#love_shayari

11 Love

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