Rakhi Om

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लेखनी मेरा शौक नहीं है लिखनी मेरी आदत है मैं इससे और वह मुझ से रूबरू होती है मानो जैसे कलम का रिश्ता हो कागज से

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यह उगता सूरज आज भारत के गणतंत्र दिवस की गाथा लिखेगा यह उगता सूरज आज भारत के गणतंत्र दिवस का इतिहास बनाएगा यह उगता सूरज आज भारत के स्वर्णीय भविष्य का आवाहन करेगा यह उगता सूरत भारत के पराक्रम का इतिहास कर्तव्य पथ पर दोहराएगा ©Rakhi Om

#Republic  यह उगता सूरज आज भारत के
 गणतंत्र दिवस की गाथा लिखेगा 

 यह उगता सूरज आज भारत के
 गणतंत्र दिवस का इतिहास बनाएगा

 यह उगता सूरज आज भारत के 
स्वर्णीय भविष्य का 
 आवाहन करेगा

 यह उगता सूरत भारत के 
पराक्रम का इतिहास कर्तव्य पथ पर दोहराएगा

©Rakhi Om

#Republic day

12 Love

White उड़कर अब जाऊं कहाँ सृष्टि में मैं हूँ कहाँ ©Rakhi Om

#sad_quotes  White उड़कर अब जाऊं कहाँ सृष्टि में  मैं हूँ कहाँ

©Rakhi Om

#sad_quotes

10 Love

White उगता सूरज उड़ते परिंदे क्षितिज की और रुख करती प्रकृति ©Rakhi Om

#sad_quotes  White उगता सूरज
 उड़ते परिंदे
क्षितिज की और रुख करती प्रकृति

©Rakhi Om

#sad_quotes

13 Love

White अंधेरे में प्रकाश में जीवन को डूबने न देना ©Rakhi Om

#GoodNight  White अंधेरे में
 प्रकाश में
 जीवन को डूबने न देना

©Rakhi Om

#GoodNight

14 Love

रात उम्मीद, संगीत हवाएं, और सुबह उजाला सरहद पर पहरा देने वाला भारत मां का रखवाला ©Rakhi Om

#GoodNight  रात उम्मीद,
 संगीत हवाएं,
 और
 सुबह उजाला
 सरहद पर पहरा देने वाला
 भारत मां का रखवाला

©Rakhi Om

#GoodNight

10 Love

तेरी शरण में आए हैं कर कृपा श्री माँ शरण में तेरी रहे सदा माँ चित्त जाए न कहीं और तेरी सिवा श्री मां निर्मल रंग में रंग दे तू मां नहाते रहे परम चैतन्य में हर पल माँ सहस्रार खोल के ब्रह्मानंद मे मुझको समा माँ ©Rakhi Om

#sahajyoga  तेरी शरण में आए हैं कर कृपा श्री माँ 
 शरण में तेरी रहे सदा माँ 
 चित्त जाए न कहीं और
 तेरी सिवा श्री मां

 निर्मल रंग में रंग दे तू मां 
 नहाते रहे परम चैतन्य में हर पल माँ

 सहस्रार खोल के ब्रह्मानंद 
 मे मुझको समा माँ

©Rakhi Om

#sahajyoga

14 Love

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