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लेखनी मेरा शौक नहीं है लिखनी मेरी आदत है मैं इससे और वह मुझ से रूबरू होती है मानो जैसे कलम का रिश्ता हो कागज से
यह उगता सूरज आज भारत के गणतंत्र दिवस की गाथा लिखेगा यह उगता सूरज आज भारत के गणतंत्र दिवस का इतिहास बनाएगा यह उगता सूरज आज भारत के स्वर्णीय भविष्य का आवाहन करेगा यह उगता सूरत भारत के पराक्रम का इतिहास कर्तव्य पथ पर दोहराएगा ©Rakhi Om
Rakhi Om
12 Love
White उड़कर अब जाऊं कहाँ सृष्टि में मैं हूँ कहाँ ©Rakhi Om
10 Love
White उगता सूरज उड़ते परिंदे क्षितिज की और रुख करती प्रकृति ©Rakhi Om
13 Love
White अंधेरे में प्रकाश में जीवन को डूबने न देना ©Rakhi Om
14 Love
रात उम्मीद, संगीत हवाएं, और सुबह उजाला सरहद पर पहरा देने वाला भारत मां का रखवाला ©Rakhi Om
तेरी शरण में आए हैं कर कृपा श्री माँ शरण में तेरी रहे सदा माँ चित्त जाए न कहीं और तेरी सिवा श्री मां निर्मल रंग में रंग दे तू मां नहाते रहे परम चैतन्य में हर पल माँ सहस्रार खोल के ब्रह्मानंद मे मुझको समा माँ ©Rakhi Om
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