लगाना रंग कुछ ऐसे मिरे दिल-दार होली पर
करे दो चार को घायल सर-ए-बाजार होली पर
हवा में हो उठे हल-चल, बहारें रश्क कर बैठें
यूँ सर से पा लगूँ मैं प्यार में गुल-बार होली पर
निगाहों से छिड़क देना यूँ चश्म-ए-शोख़ का जादू
लगें मय का कोई प्याला मिरे अबसार होली पर
लबों की सुर्ख़ रंगत को, यूँ मलना तुम मिरे आरिज़
कि तितली गुल समझ के चूम ले रुख़्सार होली पर
अबीरों ओ गुलालों से, हो फ़नकारी मुसव्विर सी
धनक आ के गिरे दामन में अब के बार होली पर
©Parastish
चश्म-ए-शोख़ - lovely eyes
अब्सार - आँखें
आरिज़ - रुख़्सार/गाल
फ़नकारी - कलाकारी/ artistry
मुसव्विर - चित्रकार/painter
धनक - इंद्रधनुष/rainbow
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Wow amazing sunder adhbhut avishvasniye