"सीमा"अमन सिंह Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

"Voice Of Aman" "शौर्यम.... दक्षम... युद्धेय.." "न कंचित् शाश्वतम्" Insta Id- @pathikrasteka

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White थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं। लफ़्ज़ों में छिपी जो तस्वीरें हैं, उनमें अपने दिल की कायनात लिखूं। ख़्वाबों के रंगों से सजा दूं पन्ने, या हकीकत के दागों की सौगात लिखूं। हर बात में एक कहानी बसी है, क्या तेरा ज़िक्र या अपनी बात लिखूं? थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं। दिल के समंदर से उठा कुछ लफ़्ज़, तूफान लिखूं या फिर जज़्बात लिखूं। चमकते सितारों की कहानी कहूं, या टूटते सपनों की सौगात लिखूं। ख़ुद को बयां करूं इस स्याही में, या दुनिया के नक़्शे की बात लिखूं। थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं। दुनिया को देखूं तो दर्द ही दिखे, चाहूं तो खुशियों की सौगात लिखूं। सच है मगर फिर भी मुश्किल बहुत, सोचूं कि इस दिल की औकात लिखूं। हर शख्स उलझन में जीता रहा, इस दौर की कैसी मैं कायदात लिखूं। थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं। चुपचाप जो दिल में दबा है कहीं, उस राज़ को खोलूं या सौगात लिखूं। बेचैनियों का कोई हिसाब लिखूं, ख़ुशियों का झूठा सा नक़ाब लिखूं। जो गुज़री है मुझ पर, वही कह दूं, या औरों के किस्सों से बात लिखूं। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  White थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं।
लफ़्ज़ों में छिपी जो तस्वीरें हैं, उनमें अपने दिल की कायनात लिखूं।

ख़्वाबों के रंगों से सजा दूं पन्ने, या हकीकत के दागों की सौगात लिखूं।
हर बात में एक कहानी बसी है, क्या तेरा ज़िक्र या अपनी बात लिखूं?

थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं।
दिल के समंदर से उठा कुछ लफ़्ज़, तूफान लिखूं या फिर जज़्बात लिखूं।

चमकते सितारों की कहानी कहूं, या टूटते सपनों की सौगात लिखूं।
ख़ुद को बयां करूं इस स्याही में, या दुनिया के नक़्शे की बात लिखूं।

थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं।
दुनिया को देखूं तो दर्द ही दिखे, चाहूं तो खुशियों की सौगात लिखूं।

सच है मगर फिर भी मुश्किल बहुत, सोचूं कि इस दिल की औकात लिखूं।
हर शख्स उलझन में जीता रहा, इस दौर की कैसी मैं कायदात लिखूं।

थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज़्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं।
चुपचाप जो दिल में दबा है कहीं, उस राज़ को खोलूं या सौगात लिखूं।

बेचैनियों का कोई हिसाब लिखूं, ख़ुशियों का झूठा सा नक़ाब लिखूं।
जो गुज़री है मुझ पर, वही कह दूं, या औरों के किस्सों से बात लिखूं।

©"सीमा"अमन सिंह

White धुंध कुहासा फैला है चारों ओर, चुप है पंछी, थमा है हर शोर। सूरज भी छुपा बादलों की ओट, धरती का मन भी हुआ है कठोर। सर्द हवा की चुभन सी बात, खो गए रंग, बुझ गई हर बात। कोने में बैठी है इक गरम चाय, सुकून लिए जैसे कोई साथ। हाथ में प्याली, खिड़की के पास, धुंध के संग चलता वक्त का हास। चाय की खुशबू में घुलती है ठंड, जीवन में जैसे लौट आया छंद। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  White धुंध कुहासा फैला है चारों ओर,
चुप है पंछी, थमा है हर शोर।
सूरज भी छुपा बादलों की ओट,
धरती का मन भी हुआ है कठोर।

सर्द हवा की चुभन सी बात,
खो गए रंग, बुझ गई हर बात।
कोने में बैठी है इक गरम चाय,
सुकून लिए जैसे कोई साथ।

हाथ में प्याली, खिड़की के पास,
धुंध के संग चलता वक्त का हास।
चाय की खुशबू में घुलती है ठंड,
जीवन में जैसे लौट आया छंद।

©"सीमा"अमन सिंह

Unsplash दिल टूटा, अश्रु बह गए, शब्द बिखरे, लफ्ज़ महक गए। लफ्ज़ों की महक ने लिबास बुना, लिबासों से सज गया एक अद्भुत नज़ारा। उस नज़ारे से जन्मी एक खूबसूरत किताब, जिसमें दर्ज हुआ दिल के टूटने का किस्सा, आंसुओं के बहने की दास्तां, और बिखरे शब्दों से सजी महकती दुनिया। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora #Book  Unsplash 

दिल टूटा, अश्रु बह गए,
शब्द बिखरे, लफ्ज़ महक गए।
लफ्ज़ों की महक ने लिबास बुना,
लिबासों से सज गया एक अद्भुत नज़ारा।

उस नज़ारे से जन्मी एक खूबसूरत किताब,
जिसमें दर्ज हुआ दिल के टूटने का किस्सा,
आंसुओं के बहने की दास्तां,
और बिखरे शब्दों से सजी महकती दुनिया।

©"सीमा"अमन सिंह

White मौसम की सरगोशियां, पहाड़ों का गुमान, गांव की मिट्टी में बसता प्रेम का अरमान। जहां मृत्यु भी आकर प्रेम से जीवन पाती है पहचान। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  White मौसम की सरगोशियां, पहाड़ों का गुमान,
गांव की मिट्टी में बसता प्रेम का अरमान।
जहां मृत्यु भी आकर प्रेम से जीवन पाती है पहचान।

©"सीमा"अमन सिंह

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हवा चले तो खनक तेरी, फिजा महक से महक जाए। जहाँ भी देखूँ, बस तू दिखे, ये दिल सदा तेरा हो जाए। ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset 
हवा चले तो खनक तेरी,
फिजा महक से महक जाए।
जहाँ भी देखूँ, बस तू दिखे,
ये दिल सदा तेरा हो जाए।

©"सीमा"अमन सिंह

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset उसकी गालों का रंग "चाय" जैसा था फिर क्या था आंख बंद किया और ले लिया चुस्की.... 😁🍵☕☕😍🥰 ©"सीमा"अमन सिंह

#banarasi_Chhora  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset उसकी गालों का रंग "चाय" जैसा था 
फिर क्या था आंख बंद किया 
      और ले लिया चुस्की.... 😁🍵☕☕😍🥰

©"सीमा"अमन सिंह
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