#FourLinePoetry उतना ही लो थाली में व्यर्थ न जाये नाली में ,
ये पंक्तियाँ तो आप सभी ने सुनी ही होंगी ,आज
इन्ही पँक्तियों को नया रूप देने का प्रयास किया है 🙏
अन्न को देवता का दर्ज़ा, यूँ ही नही दिया जाता है,
साँसो को संभालने का कार्य, इसी से तो लिया जाता है,
हर कोई कहाँ समझता है, जहां में क़द्र भोजन को ,
कोई तरसता एक निवाले को, कोई नाली में बहाता है,
हालांकि भोजन नही कर पाता भेदभाव इंसानो में,
वो तो भूख में सबकी ही , जरूरत बन जाता है,
दुनिया मे ऐसे भी लोग हैं ,जिन्हें भूखा सोना पड़ता है,
पिज़्ज़ा बर्गर खा कर क्यूँ ,तू रोटी की कीमत भूल जाता है,
थाली में भोजन जरूरत भर का हो ,जो भूख मिटा सकें,
जो करे अन्न का निरादर , वही अकाल मृत्यु को पाता है ।।
-पूनम आत्रेय
©poonam atrey
#भोजन_को_बरबाद_नहीं_करेंगे @Raj Guru @Mili Saha @Deep @Puja Udeshi @Bhavana kmishra अदनासा- वंदना .... @Noor Hindustanai Navash2411 @Neel पथिक.. @Badal Singh Kalamgar @Kamlesh Kandpal @Mahi @Sethi Ji Praveen Jain "पल्लव" @Payal Das खामोशी और दस्तक मनोज मानव @Anshu writer @Shilpi Singh तन्हा शायर @Rajesh Arora @Bhardwaj Only Budana दिनेश कुशभुवनपुरी @Ambika Mallik @Poonam Suyal @Saloni Khanna शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) @Suresh Gulia @Rakesh Srivastava R K Mishra " सूर्य " एक अजनबी @Utkrisht Kalakaari @Aditya kumar prasad @SAUD ALAM काव्यार्पण @Sunita Pathania भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन @kukku @Lalit Saxena अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर @Richa Mishra Sita Prasad @Balwinder Pal @shashi kala mahto भोली_सी_ख़्वाहिश(तरूणा_शर्मा) डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) @nishi_bhatnagarr हिमांशु Kulshreshtha @@Dil_E_Nadan @narendra bhakuni ✍️vishwakarma g कवि संतोष बड़कुर @Ashutosh Mishra