kavi Raj ,writter & poet नुसरत _ए __मौहब्बत नुसरत_ ए_ _मौहब्बत सबका साथ बांटने चला हूं। तकल्लुफ करके देखना जरा पहरों को आठ बांटने चला हूं। खुशामद तो मैंने बहुत की थी चांद _सूरज की रात को दिन और दिन को रात बांटने चला हूं।
https://youtube.com/@narendrabhakuni6864
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here