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https://youtube.com/@KK-Opinion?si=N_1vAdm45WaJVBX-
White वे सब करते रहे बहस। कि कैसे दूर होगा तमस।। दृष्टिकोण था सबका अलग अलग। पर कोई लगता नहीं था इतना सजग।। कोई दक्षिण का अनुरागी, कोई वाम। हर चर्चा में, इनके आ जाते राम।। सबकी थी अपनी अपनी ध्वजा। चाहे हरकोई लेना सत्ता सुःख का मजा ।। तमस की चर्चा में व्यर्थ बीता समय। इसी बीच रवि का नभ पर हुआ उदय ।। ©Kamlesh Kandpal
Kamlesh Kandpal
13 Love
इंसान हो चुके हैं इतने गंदे कि चित्र तक सिमट गये परिंदे जलवायु बिगड़ी,बड़ रहा तापमान भोग में डूब चुका इस तरह इंसान ©Kamlesh Kandpal
17 Love
तन का मैल,पानी से धुले मन का धुले आत्म ज्ञान से, जीवन तो नश्वर है यारा क्या करोगे झूठी पहचान से। ©Kamlesh Kandpal
जानवर को दोस्त बनाने वाले कभी उदास नहीं होते। इंसान की दोस्ती मतलबी होती है तभी इंसान जरूरत पर पास नहीं होते ©Kamlesh Kandpal
19 Love
White घना कोहरा है,रात काली भी है नशे में डूबा है यार, मुँह में गाली भी है दौलत का शुरूर है इतना कमलेश बदजुबान है और मुँह में गाली भी है चमन की हालात बयां कर रही है सब कि जो उजाड़ रहा है,वही माली भी है। वीराने मे शोर की कहानी जब समझी देखा!जो शायर है, वही बजाता ताली भी है ©Kamlesh Kandpal
कुदरत के करिश्में में क्या नहीं हैं परिंदे रंगीन,फूल, पेड़, घास खुशियाँ छोटी छोटी समेट लो जो तुम्हारे हैं आस पास ©Kamlesh Kandpal
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