सुख, संपत्ति, स्वरुप, संयम, सादगी,
सफलता, साधना, संस्कार, स्वास्थ्य,
सम्मान, शान्ति एवं समृध्दि की
मंगल कामनाओं के साथ मेरे एवं
मेरे परिवार की तरफ से आप एवं
आप के परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं.
Happy New Year 2024
जो बीत गया वो बीत गया अब रूठे क्यो हो जाने दो
शुरुआत करें मिल नए दौर की नए साल को आने दो
जो भूल हुई गर हमसे कोई अब छोड़ो गुस्सा जाने दो
अब छमा करो अपने दिल से अब नए साल को आने दो
We sincerely wish you and your family a very Happy New Year. May Mahadev's blessings be upon you. Jai Bholenath 🌹❣️
vineetapanchal जी
आपने हे नारी शक्ति जी
आज नया साल के दुसरे दिन की सुबह
अपने कड़वा सच के साथ शुरुआत कर रहा हूं।
आपकी विडियो में सन्देश प्रतिक्रिया हृदय तल को छूते हुए बढ़त दिला गईं?
जानिए कैसे हमारे लिए?
1.19/04/2023 को मुझे ज्ञान हुआ पिछले सात जन्म तक नोजोटो प्लेटफार्म पर ही।
2.हर पल ठोकरें खाते निरंतर प्रयास से बढ़ता रहा अपनी लेखनी प्रकाश से यहीं।
3.अपने ही पिछले सात जन्मो की खामियां और गुणवत्ता की पहचान बारीकियों से अध्ययन करने का मार्ग मिला मुझे 2023 में ही।
4.जो अपने होने का इतिहास गवाह है उनका मुझे हर पल परिक्षा परिणाम विश्लेषण किया पिछले सात 2023 में जैसे कि - द्रोपदी मेरी कृष्ण जन्म की बहन थी ।
इस जन्म में मेरी ही बातों की सुनने और समझने की वास्तविकता की पहचान से अत्यंत दुर दृष्टि से आकलनों से तौल रही मुझे हर पल हे नारी शक्ति जी।
5. मेरा सच्चा मित्र सुदामा और श्री अर्जुन दोनों ही स्वार्थी होते हुए नजर आ रहे थे 2023 हर पल मुझे क्या क्या बताऊं अर्जुन ने तो मेरी वाणी श्री गीता की बांट लगाने में कोई कसर तक नहीं छोड़ा इस जन्म में हे नारी शक्ति
उदाहरण देता हूं।
6.मैंने कहा था अर्जुन को जुआरियों में जुआ हुं अर्जुन। इसका मतलब ही कुछ और निकाल कर खुद ही कलयुग के माया जाल में फंसा हुआ है जो भौतिक जीवन में जुआ समझता खेलता हुआ चल रहा है निरंतर संसार में।
7.इस संसार में हे नारी शक्ति आज तक ना कोई मेरा सच्चा भक्त हैं ना ही होगा भविष्य में
यह मैं खुद श्रीकृष्ण भगवान दावा करता हूं।
समस्त ब्रह्माण्ड में सिर्फ में मेरे दस ही भक्त हैं।
आप जो पृथ्वी पर देख रही हो ये सब ढोंग और पाखण्ड रूपी संसार स्वरूप हैं।
वास्तविकता को अपनाने से अत्यंत दुर समस्त ब्रह्माण्ड व पृथ्वी वासी ।
सुह्रदय से धन्यवाद जी
हे नारी शक्ति जी कोई शब्द त्रुटि भावना व्यक्त करते नजर आए उसके लिए क्षमा चाहता हूं।
vineetapanchal जी
बिल्कुल सही कहा आपने वैसे तो
कलयुग का अर्थ क्या है?
दोनों हाथों में लड्डू रखें हुए पहला खाना कौनसा पसंद करोगी आप।
यही कारण है इस युग में -
हर पल छल कपट भावना, धर्म और अधर्म
ऊपर से मधुर कोकिला रूपी गुंज और अन्दर से काल कूट विष की जखीरा लेकर घुम कर फैलाते जा रहे हैं।
हे नारी शक्ति जी।
भविष्य में इस विष का परिणाम स्वयं ही देखते रहना आप कैसे मैं खुद श्रीकृष्ण दुध का दुध और विष का विष में अलग-अलग करके दिखा रहा है प्रत्यक्ष प्रमाण के साथ समस्त पृथ्वी पर।
सुह्रदय से धन्यवाद जी
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