Niaz (Harf)

Niaz (Harf) Lives in Jeddah, Makkah Province, Saudi Arabia

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White क़दम मिला के ज़माने के साथ चल न सके, बहुत सँभल के चले, फिर भी हम मगर सँभल न सके। हर एक मोड़ पे आई ख़लिश की आँधियाँ, मगर उस दर्द की तासीर से भी बहल न सके। नीज़-ए-हयात ने हर रोज़ आज़माया हमें, हम टूटते गए, पर टूट कर भी ढल न सके। ज़ख़्म-दर-ज़ख़्म थे, पर शिकवा कभी न किया, वो चाहत थी कि हर हाल में फ़र्ज़ से फिसल न सके। हमारी रूह का हर नक़्श है इबादत की तरह, मगर दुनिया के मज़ार पर कभी झुक न सके। क़लम में अश्क, दिल में मोहब्बत का दर्द था, मगर अफ़साने को काग़ज़ पे पूरी तरह उतार न सके। अब ये इश्क़, ये जुनून, और नफ़स का क़ैद, सब सज़ा है, पर इसके बिना जी भी न सके। क़दम मिला के ज़माने के साथ चल न सके, बहुत सँभल के चले, फिर भी हम मगर सँभल न सके। ©Niaz (Harf)

#शायरी #good_night  White क़दम मिला के ज़माने के साथ चल न सके,
बहुत सँभल के चले, फिर भी हम मगर सँभल न सके।
हर एक मोड़ पे आई ख़लिश की आँधियाँ,
मगर उस दर्द की तासीर से भी बहल न सके।

नीज़-ए-हयात ने हर रोज़ आज़माया हमें,
हम टूटते गए, पर टूट कर भी ढल न सके।
ज़ख़्म-दर-ज़ख़्म थे, पर शिकवा कभी न किया,
वो चाहत थी कि हर हाल में फ़र्ज़ से फिसल न सके।

हमारी रूह का हर नक़्श है इबादत की तरह,
मगर दुनिया के मज़ार पर कभी झुक न सके।
क़लम में अश्क, दिल में मोहब्बत का दर्द था,
मगर अफ़साने को काग़ज़ पे पूरी तरह उतार न सके।

अब ये इश्क़, ये जुनून, और नफ़स का क़ैद,
सब सज़ा है, पर इसके बिना जी भी न सके।
क़दम मिला के ज़माने के साथ चल न सके,
बहुत सँभल के चले, फिर भी हम मगर सँभल न सके।

©Niaz (Harf)

#good_night

14 Love

मेरी मोहब्बत का तमाशा बनाया गया, मुसाफ़िर था मैं, मुझे खानाबदोश बनाया गया। जिस दिल में बसाई थी तसवीर तेरी, उसी दिल को नज़र-ए-बद बनाया गया। मेरी नियाज़-ए-दिल की कीमत न समझी गई, हर धड़कन को दर्द का पैग़ाम बनाया गया। इबादत थी मेरी, जुर्म नहीं, फिर भी हर दुआ को इल्ज़ाम बनाया गया। फलक से गिरते सितारों ने पूछा, क्यों तेरे ख्वाबों का कत्ल-ए-आम किया? मैंने कहा, ये खेल-ए-वफा है शायद, जहां मोहब्बत को अय्याम बनाया गया। अब नियाज़-ए-जज़्बात भी खामोश हैं, न अश्क़ बहे, न कोई सदा रही। जिन लम्हों में सजदा किया था तेरा, उन लम्हों को सजा-ए-वफ़ा दी गई। ©Niaz (Harf)

#शायरी #GoodNight  मेरी मोहब्बत का तमाशा बनाया गया,
मुसाफ़िर था मैं, मुझे खानाबदोश बनाया गया।
जिस दिल में बसाई थी तसवीर तेरी,
उसी दिल को नज़र-ए-बद बनाया गया।

मेरी नियाज़-ए-दिल की कीमत न समझी गई,
हर धड़कन को दर्द का पैग़ाम बनाया गया।
इबादत थी मेरी, जुर्म नहीं,
फिर भी हर दुआ को इल्ज़ाम बनाया गया।

फलक से गिरते सितारों ने पूछा,
क्यों तेरे ख्वाबों का कत्ल-ए-आम किया?
मैंने कहा, ये खेल-ए-वफा है शायद,
जहां मोहब्बत को अय्याम बनाया गया।

अब नियाज़-ए-जज़्बात भी खामोश हैं,
न अश्क़ बहे, न कोई सदा रही।
जिन लम्हों में सजदा किया था तेरा,
उन लम्हों को सजा-ए-वफ़ा दी गई।

©Niaz (Harf)

#GoodNight

24 Love

White तेरी कमी को हर्फ़ में कैसे लिखूं। काँप जाती है कलम मेरी। ©Niaz (Harf)

#शायरी #sad_qoute  White तेरी कमी को हर्फ़ में कैसे लिखूं। 
काँप जाती है कलम मेरी।

©Niaz (Harf)

#sad_qoute

16 Love

White मेरी चाहत तेरी आरज़ू में हर लम्हा सुलगता रहा, इश्क़ बनके रुह में मेरी महकता रहा। तू ना आया मगर दिल ये वफ़ा करता रहा, तेरे नाम पर हर सांस सजदा करता रहा। नियाज़ ©Niaz (Harf)

#शायरी #Sad_Status  White मेरी चाहत

तेरी आरज़ू में हर लम्हा सुलगता रहा,
इश्क़ बनके रुह में मेरी महकता रहा।
तू ना आया मगर दिल ये वफ़ा करता रहा,
तेरे नाम पर हर सांस सजदा करता रहा।

नियाज़

©Niaz (Harf)

#Sad_Status

23 Love

सफ़र में ये जान लिया हमने, हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है। हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश, हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है। ©Niaz (Harf)

#शायरी  सफ़र में ये जान लिया हमने,
हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है।
हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश,
हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है।

©Niaz (Harf)

सफ़र में ये जान लिया हमने, हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है। हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश, हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है। ©Niaz (Harf)

25 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तेरे पैरों की मेंहदी का रंग भी क्या कमाल है, हर नक़्श में जैसे मोहब्बत की मिसाल है। ज़मीन पर पड़ते हैं जो क़दम तेरे हौले से, लगता है जन्नत उतर आई हो रुब-ए-जमाल है। ~नियाज़ ©Niaz (Harf)

#शायरी  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तेरे पैरों की मेंहदी का रंग भी क्या कमाल है,
हर नक़्श में जैसे मोहब्बत की मिसाल है।
ज़मीन पर पड़ते हैं जो क़दम तेरे हौले से,
लगता है जन्नत उतर आई हो रुब-ए-जमाल है। 
 ~नियाज़

©Niaz (Harf)

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तेरे पैरों की मेंहदी का रंग भी क्या कमाल है, हर नक़्श में जैसे मोहब्बत की मिसाल है। ज़मीन पर पड़ते हैं जो क़दम तेरे हौले से, लगता है जन्नत उतर आई हो रुब-ए-जमाल है। ~नियाज़ ©Niaz (Harf)

27 Love

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