सफ़र में ये जान लिया हमने, हर मंज़िल का हासिल फ़क़ | हिंदी शायरी

"सफ़र में ये जान लिया हमने, हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है। हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश, हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है। ©Niaz (Harf)"

 सफ़र में ये जान लिया हमने,
हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है।
हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश,
हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है।

©Niaz (Harf)

सफ़र में ये जान लिया हमने, हर मंज़िल का हासिल फ़क़त एक याद है। हर अहसास में एक सदा-ए-ख़ामोश, हर शाम के बाद एक नई सुबह की फ़रियाद है। ©Niaz (Harf)

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