मै बुझी जा रही हूँ और शहर है कि मुझमें आग पानी बन दहक रहा है अजीब अजाब है जिंदगी का फिर से एक मौत फिर रिहाई कमज़र्फ है सारी खुदाई उफ्फ ! ये शब्दों के कहर बड़ी गुस्ताख़ हूँ मै....! ©चाँदनी #Isolation Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto
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