White अब क्या लिखूं कि तुम अल्फ़ाज़ नहीं समझे,
जो दिल ने कहे, वो जज़्बात नहीं समझे।
ये शेर-ओ-शायरी, ये गीत-ओ-ग़ज़ल,
बस दिल का हाल है, कोई पेशा नहीं मेरा।
कुछ रंग इश्क़ के हैं, जो दिल में उतर गए,
कुछ ग़म हैं, जो लफ़्ज़ों में बिखर गए।
सोचा, शायद मेरी बातें तुम तक पहुँचेंगी,
पर हर बार तुम्हारी खामोशी ही जवाब बन गई।
अब क्या लिखूं, कि ये भी अधूरा लगेगा,
जो तुम्हें समझा ना सका, वो हर अल्फ़ाज़ फिज़ूल लगेगा।
फिर भी, ये कोशिश, ये आदत, ये सिलसिला
यूं ही चलता रहेगा इस आस में की एस दिन तुम समझोगे।
©Nikhil Kumar
#yun_hi sad shayri sad quotes
😴😴😴nind aa rhi h kal padhungi kya likha hai 😴