White मुख़्तलीफ ख़्याल का इंसान हूँ मैं
सबसे नहीं मिलता हूँ, देख अंजान हूँ मैं..!
यें दुनियाँ के चकाचौध नहीं दिखते
देख शायद इनसे अभी भी बहुत दूर हूँ मैं..!
इस दुनियाँ के मशरफ का नहीं मैं
सभी दूर भागते है,किसी क़ाम का नहीं मैं..!
मुझे न जानो तो बेहतर है अब यहाँ
नाखुश होंगे मुझसे,तुम्हारे मुनाफिक़ नहीं मैं..!
बस अभी मुझपर इल्ज़ाम लगाओ
देख अभी तुम्हारी तरह बदनाम नहीं मैं..!
अब मुझपर कीचड़ उछालो तुम सभी
देख तुम्हारे मन मुताबिक बोलता नहीं मैं..!
मैं दिन भर लोंगो के बीच रहता हूँ
सच नहीं बोलूंगा, तुम्हें पहचानता नहीं मैं..!!
©Shreyansh Gaurav
#Thinking
No