White कहत कहत मन भर गयो मेरो
ये दोस्त मेरो निरालो
जिम्मेदारियों ने भी कह दिया
जीवन संग साथ हमारो
कबहो कहत सखा संग जीवन निरालो
तो कबहो जीवन में संघर्ष डाल कर हो जावे नियारो
यह द्वंद है न जात- पात का
यह द्वंद है मित्रता पर जिम्मेदारियों के आघात का
कहत कहत मन भर गयो मेरो
ये दोस्त मेरो निरालो
बोल बोल हुंकार भरे!
वात्सालय में जवानी का श्रृंगार करे
ओढ़ अंधकार को वो भी आयो है अब क्या करे
वाने छीन लियो है जीवन को सुख
क्या ऐसा है तेरा रुख
©SHAMSHAD KHAN
#Sad_Status