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इस पंक्ति को पूरा करते हुए कोई रचना बनाइये-#manzil Wallpaper.
379 Stories
सामने मंज़िल थी और, मुसाफ़िर थकान से मर गया..!! #कई बार बहुत देर हो जाती है.. "बात" पूरी होने में .. ©Kumar Gagan
Kumar Gagan
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सामने मंज़िल थी और, सामने मंज़िल थी, और पीछे मेरा डर था जो मुझसे लडकर मुझे नही हरा पाए उन्हें फिर से नूरा तुझसे हार जाने का डर था गिरते तो हंसने वाले भी अपने थे गिराने वाले भी अपने थे,, जो समझे नही थे मुझे क़भी मेरी कामियाबी में मुस्कुराने वाले भी मेरे अपने थे तोडक़र जो कभी मुझे छोड़ गए थे आज हाथ भड़ाने वाले भी वो लोग थे कामयाबियों की चाँदनी ऐसी ही होती है©अरुणाkp®
Dr Aruna KP Tondak
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सामने मंज़िल थी और, मैंने राहें बदल ली।
Suman Zaniyan
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सामने मंज़िल थी और, हमें पता भी न चला.. जिंदगी निकल गई पता ही न चला- आंख खुली मगर देर हो चुकी थी- अब पता चला भी तो क्या पता चला! मुकाम गुज़र गया दास्तानें बदल गईं हमें पता ही न चला!
meena mallavarapu
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सामने मंज़िल थी और, मेरे चारों ओर समस्याओं का गुबार था मैं भी अरा रहा वह भी डटा रहा उसे हटना ही परा मेरे रास्ते से क्यूंकि मैं अंत तक खड़ा रहा
Azad ताहिर তাহীৰ
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सामने मंज़िल थी और, Zindgi agar muskil par muskil dene lage to samajh lena wo Tume........ kamyab banna chahti hai.....
Doreamon Singh Tomar
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