सामने मंज़िल थी और, मेरे चारों ओर समस्याओं का गुबा | हिंदी विचार

"सामने मंज़िल थी और, मेरे चारों ओर समस्याओं का गुबार था मैं भी अरा रहा वह भी डटा रहा उसे हटना ही परा मेरे रास्ते से क्यूंकि मैं अंत तक खड़ा रहा"

 सामने मंज़िल थी और, मेरे चारों ओर समस्याओं
 का गुबार था 
मैं भी अरा रहा वह भी डटा रहा
उसे हटना ही परा मेरे रास्ते से 
क्यूंकि मैं अंत तक खड़ा रहा

सामने मंज़िल थी और, मेरे चारों ओर समस्याओं का गुबार था मैं भी अरा रहा वह भी डटा रहा उसे हटना ही परा मेरे रास्ते से क्यूंकि मैं अंत तक खड़ा रहा

#manzil

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