गो-वर्द्धन
पूर्वजों की गाय आधारित अर्थव्यवस्था
गौ दुग्ध से पुष्ट भारत की संतान
गो वंश रहा कृषि का आधार
और
गोबर सा असीम खजाना भारतीयों ने था ढूंढ डाला।।।।
जमीन पर लीपाई से विषैले जीव, जीवाणु दूर रहे।
कंडे भारत को ऊर्जा आपूर्ति देते रहे।
खाना बनाते रहे, घरों को रोशन करते रहे।
पेड़ों को कटने से बचाते रहे।
पेट्रो विनाश की दुनियां से दूर रखते रहे।
राख को फसलों में छिड़क कीड़े भगाते रहे।
गोबर की खाद से खेत की मिट्टी जिंदा करते रहे।
जंगल बचाते रहे......
फसलें उगा इंसान को सभ्यता सिखाते रहे....
पर्यावरण की तबाही में लिप्त अरे ओ संसार
सुनो
खाने की तलाश में भटकते इंसान को ठहराव देकर...
गायों का देश या गांवों के देश में......
गोबर-धन भारत को
सभ्य आध्यात्मिक धरा बनाते रहे।।।।
पर्यावरण, जीव और सृष्टि के मध्य
सह-अस्तित्व की भावना जगाते रहे।।।।।।।।।
हरि ॐ
राम यादव
13.11.23
©Ram Yadav
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