Labour day
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#विचार #labour  गिरते भी वही है साहब... 
जो संभलना जानते हैं!
#Labour

©Tulsi Nagarkoti

#labour

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नहीं छुट्टी कभी होती, नहीं शनिवार होता है। हमारे एक तबके का , कहाँ इतवार होता है। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)

#कविता_संगम  नहीं छुट्टी कभी होती, नहीं शनिवार होता है।
हमारे एक तबके का , कहाँ इतवार होता है।

©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)
#Prince_अल्फाज़ #nojotohindi #labour #India  सुबह का वक़्त काम की तलाश
कुछ ऐसे दिहाड़ी मजदूर के हालात

न सर्दी में रुकता है ना गर्मी में रुकता है
हर वक़्त काम की तलाश में भटकता है
 
मिले दो वक्त की रोटी परिवार को
इसलिए दिनभर में मेहनत करता है

मजबूर है इसलिए वो मजदुर है
पर तुम ना भूलो की इंसान का ही रूप है

जो मेहनत का तुम मोलभाव करते है
तो क्यों खुद वो मेहनत करने से डरते हो

ओर वो है इसलिए ये मकान है दुकान है 
सर्दी की ठंड में गर्मी के पसीने में काम करना कहा आसान है

©Prince~"अल्फ़ाज़"

#Prince_अल्फाज़ #Nojoto #India #labour #nojotohindi @Priya Gour @Internet Jockey @anurag Dubey Kajal Singh [ जिंदगी ] Chouhan Saab

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मौत का नाम तो यूं ही बदनाम है , असली दर्द तो ये साला जिंदगी देती है !!💯😢 ©instagram__shayari

 मौत का नाम तो यूं ही बदनाम है ,
असली दर्द तो ये साला जिंदगी 
देती है !!💯😢

©instagram__shayari

boys'pain 😢🥀

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अमीर आदमी रोटी खाता है। इसलिए रोटी गरीबों को खाती है। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)

#कविता_संगम #Quotes  अमीर आदमी रोटी खाता है।
इसलिए रोटी गरीबों को खाती है।

©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)

जहाँ कामगारों का शोषण हो, जहाँ चाटुकारों का पोषण हो। जहाँ दिखती सच्चाई बतानी पड़े, जहाँ बहरों से ज़ुबान लड़ानी पड़े। जहाँ संगठन नहीं; वो स्वयं बड़े हैं, जहाँ नियम नहीं परंतु तेवर कड़े हैं। जहाँ बेबस गरीबी बस घिघयाती है, जहाँ अमीरी लाचारों पे चिल्लाती है। वहाँ क्या समाज का सुधार हो सकता है? वहाँ तो सिस्टम सिर्फ बीमार हो सकता है। ©एस पी "हुड्डन"

#बीमार_सिस्टम #कविता  जहाँ कामगारों का शोषण हो,
जहाँ चाटुकारों का पोषण हो।
जहाँ दिखती सच्चाई बतानी पड़े,
जहाँ बहरों से ज़ुबान लड़ानी पड़े।
जहाँ संगठन नहीं; वो स्वयं बड़े हैं,
जहाँ नियम नहीं परंतु तेवर कड़े हैं।
जहाँ बेबस गरीबी बस घिघयाती है,
जहाँ अमीरी लाचारों पे चिल्लाती है।
 वहाँ क्या समाज का सुधार हो सकता है?
वहाँ तो सिस्टम सिर्फ बीमार हो सकता है।

©एस पी "हुड्डन"
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