शिव ही सत्य है शिव ही मिथक है,
शिव अविनाशी शिव सार्थक है,
शिव ही भयंकर प्रलयंकारी,
शिव ही तब था शिव ही अब है।
साथ समय के खेल रहा है,
शिव ही चोट शिव ही मरहम है,
भोलेनाथ कहते हैं जिसको,
शिव समाधि है शिव ताण्डव है।
मेरे भी एक सुन लो बाबा,
रुद्र ही शून्य रुद्र ही सब है,
शक्ति में शिव भक्ति में शिव,
जीना मरना सब संभव है।
हर हर बोलो बम बम बोलो,
समय से परे जिसका जन्म है,
त्रिनेत्र भी है चंद्र भी शीतल है,
अगन भस्म है भस्म अगन है।
जन्मों से करूँ पूजा तेरी,
नित नई होती मेरी लगन है,
गंगाजल से हो जाऊं पवित्र,
यही सही है यही सरल है।
©Rangmanch Bharat
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