जब आपको लोगो की जरूरत होती है
तब कोई साथ नहीं देता,
फिर धीरे धीरे इंसान रिश्तों
और लोगों से ऊबने लगता है
और सबसे मोह माया खत्म होने लगती है
और उसे वैराग्य होने लगता है।
जब वैराग्य हो जाता है तो समाज
सोचता है ये तो भगोड़ा निकला।
जीवन का सच यही है तुम
अकेले हो, तुम इस सच को इसलिए
स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि
स्वीकार करते ही तुम्हारी काल्पनिक
दुनिया समाप्त हो जाएगी,
दुनिया में कोई तुमसे प्रेम नहीं करता,
इस सच को जानते ही तुम्हें
भी वैराग्य हो जाएगा.!
©Aditya kumar prasad
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