मैं उसे देखना चाहता हूं जो मेरा चांद है,
मुझे पता नहीं कल क्या होगा पर वो मेरी आज है,
जब बिछड़ेंगे तो देखेंगे क्या करना है अभी तो संग उसके जीने की आस है,
और मैं जानता हूं हर आशिक जीता है अपनी इक तरफा मोहब्बत के साथ,
पर अभी फिक्र करूं क्यों अभी तो वो मेरे साथ है,
और रमजान का ये पाक महीना खत्म होने को है ,
मैं भी रोजा खोलना चाहता हूं उसे देखकर जो मेरी चांद है।।
©Mauryavanshi Veer
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