White अपनी गलती माने कौन,
अपनी बहाने माने कौन।
बैठे हैं सभी शराफ़त ओढ़े,
ओढ़ी शराफ़त माने कौन।
कहने को हैं कितनी बातें,
मेरे बिना मुझको समझाए कौन।
समझ से परे हैं दुनिया की बातें,
ये दुनियादारी सिखाए कौन।
कुछ दिन से यार बना है जाम मेरा,
सरे बाज़ार दुःख को बताए कौन।
एक सदी लुटाई संवारने में ख़ुद को,
आशियाने में खुद को लुटाए कौन।
अपनी तो कटी है फकीरी में उम्र,
चंद घड़ी दिखावे की दिखाए कौन।
©theABHAYSINGH_BIPIN
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