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sayrana mizaz
Monday, 9 December | 06:57 pm
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इनकार करते करते, इकरार हो जायेगा। शिद्दत से जो चाहो, यार हो जायेगा।। तुम्हे कितना चाहता हूं, ये मेरा राम जनता है, परहेज कितना भी करलो, हमसे प्यार हो जायेगा।। ©sayrana mizaz
14 Love
खुदा गवाह है, इन नजरों ने सिर्फ़ तुम्हें ही देखा है। तू जिसे मिली, उससे मिलवादे। देखूं उसके हाथ में कौन सी रेखा है।। ©sayrana mizaz
12 Love
नजरों ने खता की, और ये खता करता गया। हमारी चाहत कम नहीं हुई, उनका भाव बढ़ता गया ।। ©sayrana mizaz
13 Love
White खूबसूरत तुम नहीं हो, वो तो हमारी नजरों की खता है।। ©sayrana mizaz
कि मैं घर से भूखा गया अगर, तो वो घर रहकर भी कुछ नहीं खाती है।। बस एक मां ही तो है, जो खुद से ज्यादा हमें चाहती है।। ©sayrana mizaz
17 Love
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