White सूरज की सुन्दर लाली सा जिसका सुन्दर रूप,
तुम्हे पता है, है कौन वो, वो मेरा "महबूब",
शब्दो की कतरन से भी हो ना सके श्रृंगार,
दुनियाँ वाले क्या जाने कैसा मेरा प्यार,
देख जिसे मिल जाती है आँखों को सौगात
उठती झुकती आँखों मे है जिसके संध्या और प्रभात,
नील गगन और चाँद का है जैसे अनुबंध,
ऐसा ही है मेरा और उसका सम्बन्ध,
जब मैंने शब्दो से पूछा बोलो वो है कौन,
एक दो पंक्ति लिखकर शब्द हो गए मौन,
तब मेरी धड़कन ने मुझे सुनाया गीत,
मै जीवन का रण हूँ वो है मेरी जीत,
जो गर्मी मे बादल बन जाय और सर्दी मे धुप,
तुम्हे पता है, है कौन वो, वो मेरा "महबूब",......
©मेरे अल्फाज़ मेरा दर्द
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