mujhe chod do mere haal pe मुझे छोड़ दो मेरे हाल मे तुम
अपनी तरक़्क़ी की राह देखो।
मैं तो अनाथ और अकेला हूँ
तुम किसी घर की पनाह देखो।
कर के ख़्याल मेरा न अपना
कीमती वक्त बर्बाद करो तुम।
बेहतर यही होगा कि तुम मेरी
ज़िन्दगी में मचा बवाल नही।
बल्कि तुम्हारी अपनी ज़िंदगी
में ही मचा हुआ बवाल देखो।
मै तो कैसे भी रह लूँगा ज़िन्दा
इस ज़ालिम जमाने के बीच।
अच्छा ये होगा मददगार साथी
तुम ख़ुद से खुद का हाल देखो।
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