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153 Stories
"मर्द क्यों रोए नहीं? समाज ने हमेशा मर्दों को मजबूत बनने की नसीहत दी है, लेकिन क्या उन्हें भावनाएँ महसूस करने का हक नहीं? आँसू कमजोरी का प्रतीक नहीं, बल्कि दिल की गहराईयों का आईना हैं। हर इंसान के पास दर्द बयां करने का हक है, चाहे वो मर्द हो या औरत। रोने से दिल का बोझ हल्का होता है और ये साहस का प्रतीक है, कमजोरी का नहीं।" ©Anil gupta
Anil gupta(Storyteller)
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हिमांशु Kulshreshtha
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N.G Chahar
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जब कोई बात बिगड़ जाए और हालात संभल न पाए जब अकेले में जी घबराए और नसीब में दुःख बढ़ता जाए तो ऐसे में कोई हौसला कैसे खोए नहीं मर्द क्यों रोए नहीं.. दर्द उनको भी होता है हौसला उनका भी खोता है वो अपनी हालत किसको बताए वो अपने जज़्बात आखिर क्यूं किसी से छुपाएं.. बह जाए अगर तकलीफ़ आंसुओं में तो क्या होगा दुःख थोड़ा कम और मन हल्का तो होगा वो गम में देखो कितनी रातें सोए नहीं ऐसे में तुम ही कहो 💕 ©Kalpana Srivastava
Kalpana Srivastava
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जज्बात इनमे भी होते है दर्द इनको भी होता है तकलीफ, इनको भी होती है तो फिर क्यों मर्द ना रोए आसू ना बहाए ।। ❤️🥹💯💫 ©pooja salvi
pooja salvi
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Kavita Urf Vini
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