हो गया हूँ दूर तुमसे
अब तो जिंदा रहने दो
क्यों फेकती हो छत पे पत्थर
कोई तो परिंदा रहने दो ?
ना भेजो कोई पैगाम खत न गुलदस्ता
हमने छोड़ दिया है, तेरा रस्ता
इस बाबत तो जिंदा रहने दो
ना भेजो खत गली के बच्चों से
अब जी नहीं करता कुछ कर गुजर जाने को
छत है, बारजा है, न करो कोई हरकत
अब जी नहीं करता है, बाहर आने को
हो गया हूँ दूर तुमसे
अब तो जिंदा रहने दो।
©Neeraj Neer
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here