Neeraj Neer

Neeraj Neer Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

मैं नीरज नीर एक कलमकार हूँ l मेरी कविता आप केे दिलो को छु लेगी ,और हौले से आपको अपना बना लेगी l

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क्या पता था कि दिल में रहने वाले एक दिन आँखों से बह जाएंगे l ©Neeraj Neer

#कविता #Problems  क्या पता था कि दिल में रहने वाले 
एक दिन आँखों से बह जाएंगे l

©Neeraj Neer

#Problems

16 Love

घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया याद आँखों में ही अब मचल रह गया हम बधें थे अब तुम से छंदों की तरह अधूरा लिखा वह अब गजल रह गया ©Neeraj Neer

#कविता #Shaam  घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया
याद  आँखों में  ही अब मचल रह गया
हम  बधें  थे अब तुम से छंदों की तरह
अधूरा लिखा  वह  अब गजल रह गया

©Neeraj Neer

#Shaam

16 Love

ख्वाब आँखों में अश्रु बन ढले शायद खून हाथों में लगे तब रचे शायद मेरी तमन्नाओं का तर्पण कर गया कोई जैसे हम मिटे तुमपे कोई अब मरे शायद ©Neeraj Neer

#कविता  ख्वाब   आँखों  में  अश्रु  बन ढले शायद
खून    हाथों   में  लगे   तब  रचे   शायद
मेरी  तमन्नाओं  का तर्पण कर गया कोई
जैसे हम मिटे तुमपे कोई अब मरे शायद

©Neeraj Neer

ख्वाब आँखों में अश्रु बन ढले शायद खून हाथों में लगे तब रचे शायद मेरी तमन्नाओं का तर्पण कर गया कोई जैसे हम मिटे तुमपे कोई अब मरे शायद ©Neeraj Neer

14 Love

White हजार वादें तुम्हारे सब झूठे रहे मोतियों की तरह हम टूटे रहे दिल को समझाया तू खिलौना है अब ये खिलौने भी अब, सब टूटे रहे ©Neeraj Neer

#कविता #love_shayari  White हजार वादें तुम्हारे सब झूठे रहे
मोतियों की  तरह  हम  टूटे रहे
दिल को समझाया तू खिलौना है अब
ये खिलौने भी अब, सब टूटे रहे

©Neeraj Neer

#love_shayari

16 Love

एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में लेकर नेक भावना अपने मन में एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में सुवासित फूलों से ह्रदय द्वार सजाना प्रेम को ही आधार बनाना एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में ...."नीर" ©Neeraj Neer

#कविता #ShubhDeepawali  एक दीप  जलाना तुम भी अपने उर में 
लेकर   नेक  भावना  अपने  मन  में 
एक दीप  जलाना तुम भी अपने उर में 
सुवासित फूलों से ह्रदय द्वार सजाना 
प्रेम  को  ही  आधार  बनाना 
एक दीप  जलाना  तुम भी अपने उर में ...."नीर"

©Neeraj Neer

यहां सब लोग करते हैं सदा अब ध्यान लक्ष्मी का। सभी त्यौहार का वीज्ञान है अब ध्यान‌ लक्ष्मी का। पुरानी परंपरा का पर्व धनतेरस ‌ पुरातन है। रहे होता सभी के घर सदा, जप ध्यान ‌ लक्ष्मी का। ©Neeraj Neer

#कविता #Dhanteras  यहां सब लोग करते हैं सदा अब ध्यान लक्ष्मी का।
सभी त्यौहार का वीज्ञान है अब ध्यान‌ लक्ष्मी  का।
पुरानी  परंपरा  का  पर्व  धनतेरस  ‌ पुरातन  है।
रहे होता सभी के घर सदा, जप ध्यान ‌ लक्ष्मी का।

©Neeraj Neer

#Dhanteras

16 Love

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