Neeraj Neer

Neeraj Neer Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

मैं नीरज नीर एक कलमकार हूँ l मेरी कविता आप केे दिलो को छु लेगी ,और हौले से आपको अपना बना लेगी l

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आप सभी देशवासियों को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। जगतजननी माता सबका मंगल एवं कल्याण करें।🚩🚩🌺🌺🔱🔱 ©Neeraj Neer

#भक्ति #navratri2021  आप सभी देशवासियों को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
 जगतजननी माता सबका मंगल एवं कल्याण करें।🚩🚩🌺🌺🔱🔱

©Neeraj Neer

#navratri2021

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वसन खादी पहन गाँधी किया स्वतंत्र सब को बिना हिंसा बिना झगड़े दिया जनतंत्र सब को अहिंसा का पुजारी था वकालत सत्य की करता कि महँगा पड़ गया नाथूराम का षड्यंत्र सबको ©Neeraj Neer

#GandhiJayanti2020 #कविता  वसन खादी पहन गाँधी किया स्वतंत्र सब को
बिना हिंसा बिना झगड़े दिया जनतंत्र सब को
अहिंसा का पुजारी था वकालत सत्य की करता
कि महँगा पड़ गया नाथूराम का षड्यंत्र सबको

©Neeraj Neer
#कविता #Pankhudiyan

#Pankhudiyan

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White हो सकता है ये रात और चढ़े ,खामोसी और बढे सदियों से चुप हूँ इक तेरी आहट को सुनने के लिए ठहरा हूँ जैसे सूरज गिरफ्त में हो तेरे तू एक कदम चले तो मेरा वक्त चल पड़े ....."नीर" ©Neeraj Neer

#कविता #Tulips  White हो सकता है ये रात और चढ़े ,खामोसी और बढे 
सदियों से चुप हूँ इक तेरी आहट को सुनने के लिए 
ठहरा हूँ जैसे सूरज गिरफ्त में हो तेरे 
तू एक कदम चले तो मेरा वक्त चल पड़े ....."नीर"

©Neeraj Neer

#Tulips

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White तेरे बिन इक अधूरी गज़ल हूँ मैं सफर में तेरे बस बीता कल हूँ मैं भूल जा‌ और मुझे भूल जाने दे तुझे सोचना यही कि विष सी गरल हूँ मैं ©Neeraj Neer

#कविता #sad_shayari  White तेरे  बिन  इक  अधूरी  गज़ल  हूँ  मैं
सफर  में  तेरे  बस  बीता कल हूँ मैं
भूल जा‌ और मुझे भूल जाने दे तुझे
सोचना यही कि विष सी गरल हूँ  मैं

©Neeraj Neer

#sad_shayari

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हो गया हूँ दूर तुमसे अब तो जिंदा रहने दो क्यों फेकती हो छत पे पत्थर कोई तो परिंदा रहने दो ? ना भेजो कोई पैगाम खत न गुलदस्ता हमने छोड़ दिया है, तेरा रस्ता इस बाबत तो जिंदा रहने दो ना भेजो खत गली के बच्चों से अब जी नहीं करता कुछ कर गुजर जाने को छत है, बारजा है, न करो कोई हरकत अब जी नहीं करता है, बाहर आने को हो गया हूँ दूर तुमसे अब तो जिंदा रहने दो। ©Neeraj Neer

#कविता #City  हो गया  हूँ  दूर तुमसे
अब तो जिंदा रहने दो
क्यों फेकती हो छत पे पत्थर
कोई तो परिंदा रहने दो ? 
ना भेजो कोई पैगाम खत न गुलदस्ता 
हमने छोड़ दिया है, तेरा रस्ता 
इस बाबत तो जिंदा रहने दो 
ना भेजो खत गली के बच्चों से
अब जी नहीं करता कुछ कर गुजर जाने को
छत है,  बारजा है, न  करो  कोई हरकत
अब जी नहीं  करता है,   बाहर आने को
हो गया  हूँ  दूर तुमसे 
अब तो जिंदा रहने दो।

©Neeraj Neer

#City

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