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मैं नीरज नीर एक कलमकार हूँ l मेरी कविता आप केे दिलो को छु लेगी ,और हौले से आपको अपना बना लेगी l
क्या पता था कि दिल में रहने वाले एक दिन आँखों से बह जाएंगे l ©Neeraj Neer
Neeraj Neer
16 Love
घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया याद आँखों में ही अब मचल रह गया हम बधें थे अब तुम से छंदों की तरह अधूरा लिखा वह अब गजल रह गया ©Neeraj Neer
ख्वाब आँखों में अश्रु बन ढले शायद खून हाथों में लगे तब रचे शायद मेरी तमन्नाओं का तर्पण कर गया कोई जैसे हम मिटे तुमपे कोई अब मरे शायद ©Neeraj Neer
14 Love
White हजार वादें तुम्हारे सब झूठे रहे मोतियों की तरह हम टूटे रहे दिल को समझाया तू खिलौना है अब ये खिलौने भी अब, सब टूटे रहे ©Neeraj Neer
एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में लेकर नेक भावना अपने मन में एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में सुवासित फूलों से ह्रदय द्वार सजाना प्रेम को ही आधार बनाना एक दीप जलाना तुम भी अपने उर में ...."नीर" ©Neeraj Neer
यहां सब लोग करते हैं सदा अब ध्यान लक्ष्मी का। सभी त्यौहार का वीज्ञान है अब ध्यान लक्ष्मी का। पुरानी परंपरा का पर्व धनतेरस पुरातन है। रहे होता सभी के घर सदा, जप ध्यान लक्ष्मी का। ©Neeraj Neer
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