घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया याद आँखों में ही | हिंदी कविता

"घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया याद आँखों में ही अब मचल रह गया हम बधें थे अब तुम से छंदों की तरह अधूरा लिखा वह अब गजल रह गया ©Neeraj Neer"

 घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया
याद  आँखों में  ही अब मचल रह गया
हम  बधें  थे अब तुम से छंदों की तरह
अधूरा लिखा  वह  अब गजल रह गया

©Neeraj Neer

घाव सुखा ही नहीं अब सजल रह गया याद आँखों में ही अब मचल रह गया हम बधें थे अब तुम से छंदों की तरह अधूरा लिखा वह अब गजल रह गया ©Neeraj Neer

#Shaam

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