Snow
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किताबों के अक्षर सबका ज्ञान बढ़ा देते है , बिन पैसों के भी अपना मोल बता देते है। वाकिफ कराते है हमें सभी सच्चाइयों से , सच्ची बातों पर से झूठ की धूल हटा देते है। - आचमन चित्रांशी ©Achman Chitranshi

#Shayar #Poet #snow #poem  किताबों के अक्षर सबका ज्ञान बढ़ा देते है ,
बिन पैसों के भी अपना मोल बता देते है।
वाकिफ कराते है हमें सभी सच्चाइयों से ,
सच्ची बातों पर से झूठ की धूल हटा देते है।

                                             - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi

भक्ति दोहे ********* ज्ञान हमें देती सदा , तम का करती नाश। मैया मेरी शारदे, देती दिव्य प्रकाश।। आँखे तरसे दर्श को, कब आओगे राम। बाट निहारूं आपकी ,भजूं आप का नाम।। मन्दिर मन्दिर घूमती, मिले नहीं घनश्याम। ह्रदय पटल पर पा लिया, श्याम आपका धाम।। ©Uma Vaishnav

#कविता #snow  भक्ति दोहे
*********
ज्ञान हमें देती सदा , तम का करती नाश।
मैया   मेरी   शारदे, देती  दिव्य  प्रकाश।।

आँखे  तरसे  दर्श को, कब आओगे राम।
बाट निहारूं आपकी ,भजूं आप का नाम।। 

मन्दिर  मन्दिर  घूमती, मिले  नहीं  घनश्याम। 
ह्रदय पटल पर पा लिया, श्याम आपका धाम।।

©Uma Vaishnav

#snow

12 Love

जादुई ही सी होती है मुस्कान खुशियाँ घोल देती है मुस्कान ख्वाब लेकर उड़ती आसमान में परवाज खोल देती है मुस्कान लगती दूर-दूर सी,है मगर करीब एहसास को बोल देती है मुस्कान घण्टियों सी गूंज अनहद में सुनो सहज रिश्ते जोड़ देती है मुस्कान रूह में रहे बस्तियाँ ऐसे जवाँ रूह को टटोल लेती है मुस्कान ©सुरेश सारस्वत

#मुस्कान #शायरी  जादुई ही सी होती है मुस्कान 
खुशियाँ घोल देती है मुस्कान

ख्वाब लेकर उड़ती आसमान में 
परवाज खोल देती है मुस्कान

लगती दूर-दूर सी,है मगर करीब 
एहसास को बोल देती है मुस्कान 

घण्टियों सी गूंज अनहद में सुनो 
सहज रिश्ते जोड़ देती है मुस्कान 

रूह में रहे बस्तियाँ ऐसे जवाँ
रूह को टटोल लेती है मुस्कान

©सुरेश सारस्वत
#Quotes #snow  हल्का हुआ अब बोझ थैले का, 
तो जिंदगी और भी भारी हो गई,
कुछ ना समझ थे पहले ,
अब सब कुछ समझ आने लगा।

©Penman

#snow

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#Pyar  thand ki mousam or kohre ka njara ...hyyyy 
meri narajgi v tumhari or mera pyar v tumhara

©nitu

#Pyar ❣️

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#कविता #nojotohindi #snow  क्षमा वीरस्य भूषणम
मन के भावों से,
परिणामों मैं द्वंद्व उठा होगा
कृत कारित अनुमोदना से
दिल किसी का दुखा होगा
कितनी बार बहक कर
विचारो और भावो से
आघात किसी को लगा होगा
अंतर्मन से आज आत्मा  का शोधन करते है
भगवान महावीर की क्षमा को धरकर
अपना चित्त और भाव निर्मल करते है
राग द्वेश की बढ़ती खाई को
दया करूणा के नीर से भरते है
क्षमापने की अभिलाषा लेकर
जग के सब जीवो से
 क्षमा का भाव प्रकट करते है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#snow अंतर्मन से आज आत्मा का शोधन करते है #nojotohindi

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