Delusion
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सारे बंधन छूट गए। जो निज बंधन से बांध गए तुम!! मोह कहूं कि प्रेम कहूं..? किन चिंतन में डाल गए तुम। देख गए जिन दृष्टियों से! पुष्प भांति खिल उठी मै!! किस वसंत की बात करूं मै!!! जो निज बंधन से बांध गए तुम!! छू गए तन ऐसे! निखर उठी मै अरनिमा सी! किस सौंदर्य की बात करूं मै!! सूक्ष्म से विस्तार हुई मै । मन पे ठहरी चैतन्याता! किस विधि की बात करूं मै!! किन चिंतन में डाल गए तुम!! बन बैठे हो अधर के गीत ! किस कोकिल की बात करूं मै!! सारे बंधन छूट गए। जो निज बंधन से बांध गए तुम!! ©NIDHI SINGH SONAM

#कविता #delusion  सारे बंधन छूट गए।
जो निज बंधन से बांध गए तुम!!
मोह कहूं कि प्रेम कहूं..?
किन चिंतन में डाल गए तुम।
देख गए जिन दृष्टियों से!
पुष्प भांति खिल उठी मै!!
 किस वसंत की बात करूं मै!!!
जो निज बंधन से बांध गए तुम!!
छू गए तन ऐसे!
निखर उठी मै अरनिमा सी!
किस सौंदर्य की बात करूं मै!!
सूक्ष्म से विस्तार हुई मै ।
मन पे ठहरी चैतन्याता!
 किस विधि की बात करूं मै!!
किन चिंतन में डाल गए तुम!!
बन बैठे हो अधर के गीत !
किस कोकिल की बात करूं मै!!
सारे बंधन छूट गए।
जो निज बंधन से बांध गए तुम!!

©NIDHI SINGH SONAM

#delusion

18 Love

#शायरी #delusion  
रंग - बिरॅगे फूल देख के, भौरा गाए। 
मादकता हर ओर सखी रे, मन बौराए। 
खिली कली को देख भ्रमर अब, मुखड़ा चूमे-
दीवाना चितचोर बने वह, मन बहलाए।। 

 शब्द सरोवर

©Sunita Singh

#delusion

180 View

वो अक्सर खामोशी में बिता दिया लम्हे हमने, जहां खुद के लिए बोलना बहुत जरूरी था। ©writer didi

#hindi_shayari #hindi_quotes #hindi_poetry #hindi_poem  वो अक्सर खामोशी में बिता दिया लम्हे हमने,
जहां खुद के लिए बोलना बहुत जरूरी था।

©writer didi
#मिलन  ओ जाने तमन्ना, ओ जाने जहां।
मैं तो ढूंढूं तुझे ,तू है जाने कहां।।
बिन तेरे दिल ये, बेचैन रहता अब।
ऐ मेरी जां बता,मिलने आयेगी कब

©Doodh nath varun

#मिलन की आस

1,638 View

प्रेम के मार्ग हमेशा उच्च आवृत्ति वाली आध्यात्मिक ऊर्जा पर विकसित हुए हैं । जुड़वां लपटों का मिलन प्रेम खोज के इस पथ पर अंतिम गंतव्य है। यह वह प्यार है जिसे सभी चाहते हैं और हमेशा से ही सच्चा है जो वास्तव में मौजूद है! पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति की अपनी जुड़वां लौ है, जो उसकी तरह, संपूर्ण प्रेम को जगाने के लिए अपने "अन्य" की तलाश में है। लेकिन उससे कैसे मिलें? यह जुड़वां आत्माओं के शक्तिशाली प्रेम के बारे में है। दूसरे शब्दों में, वह एक शानदार ऊर्जा है जो दो लोगों को एक बनाने के लिए एक साथ लाती है। आपकी जुड़वां लौ आपका दोहरा, आपका आधा, आपका प्रतिबिंब या आपका दर्पण है । जुड़वाँ लपटों की उत्पत्ति दिव्य स्रोत की छवि और समानता में निर्मित एक पूर्ण और संपूर्ण आत्मा के जगमगाते सितारे में वापस जाती है। अपने भौतिक जन्म के तुरंत बाद, वह दो पूरक आत्माओं में विभाजित हो जाएगी, एक पुरुष और दूसरी महिला, जिसका सामान्य लक्ष्य द्वैत का अनुभव शुरू करना है। ©sanjay Kumar Mishra

#विचार #delusion  प्रेम के मार्ग हमेशा उच्च आवृत्ति वाली आध्यात्मिक ऊर्जा पर विकसित हुए हैं । जुड़वां लपटों का मिलन प्रेम खोज के इस पथ पर अंतिम गंतव्य है। यह वह प्यार है जिसे सभी चाहते हैं और हमेशा से ही सच्चा है जो वास्तव में मौजूद है! पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति की अपनी जुड़वां लौ है, जो उसकी तरह, संपूर्ण प्रेम को जगाने के लिए अपने "अन्य" की तलाश में है। लेकिन उससे कैसे मिलें? यह जुड़वां आत्माओं के शक्तिशाली प्रेम के बारे में है। दूसरे शब्दों में, वह एक शानदार ऊर्जा है जो दो लोगों को एक बनाने के लिए एक साथ लाती है। आपकी जुड़वां लौ आपका दोहरा, आपका आधा, आपका प्रतिबिंब या आपका दर्पण है । जुड़वाँ लपटों की उत्पत्ति दिव्य स्रोत की छवि और समानता में निर्मित एक पूर्ण और संपूर्ण आत्मा के जगमगाते सितारे में वापस जाती है। अपने भौतिक जन्म के तुरंत बाद, वह दो पूरक आत्माओं में विभाजित हो जाएगी, एक पुरुष और दूसरी महिला, जिसका  सामान्य लक्ष्य द्वैत का अनुभव शुरू करना है।

©sanjay Kumar Mishra

#delusion

12 Love

#Tere  गवाई किसी की तम्मना में जिंदगी मैने
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैंने.... 
तीरा ख्याल तो है पर तीरा वजूद नहीं
तिरे  लिए तो ये महफ़िल सजाई थी मैंने....

©shaurya singh ARTS

#Tere liye toh ye mahfil szaai thi maine.... ❤ jon auliya

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