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इंसान का इल्म उस इंसान के लिए एक बहुत बड़ी ताक़त होता है। लेकिन ये इल्म इंसान की ताक़त बस तब तक बना रहता है जब तक उस इल्म का इस्तेमाल लोगों की मदद और ख़िदमत के लिए और नेक कामों के लिए किया जाता है। और जब इंसान अपने इल्म का इस्तेमाल सिर्फ़ ख़ुद के लिए और बुरे कामों के लिए ही करने लग जाए फ़िर वही इल्म उसके लिए एक साॅंप की तरह बन जाता है जो फ़िर उसी को डस लेता है। ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  इंसान का इल्म उस इंसान के लिए 
एक बहुत बड़ी ताक़त होता है।
लेकिन ये इल्म इंसान की ताक़त बस तब तक बना रहता है 
जब तक उस इल्म का इस्तेमाल लोगों की मदद और 
ख़िदमत के लिए और नेक कामों के लिए किया जाता है। 
और जब इंसान अपने इल्म का इस्तेमाल सिर्फ़ ख़ुद के लिए 
और बुरे कामों के लिए ही करने लग जाए 
फ़िर वही इल्म उसके लिए एक साॅंप की तरह 
बन जाता है जो फ़िर उसी को डस लेता है।

©Sh@kila Niy@z

आकर्षण आपको सिर्फ आकर्षित कर सकता है नष्ट नही नष्ट तो आप तब होते है जब आप आकर्षण की ताकत को अपने "आत्म अनुशासन" की शक्ति से अधिक समझ लेते है... ©कृतांत अनन्त नीरज...

#Quotes #Books  आकर्षण आपको
सिर्फ आकर्षित कर सकता है
नष्ट नही
नष्ट तो आप तब होते है
जब आप आकर्षण की ताकत को 
अपने "आत्म अनुशासन" की शक्ति से
अधिक समझ लेते है...

©कृतांत    अनन्त नीरज...

#Books

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पलटते ही गए सारे पन्ने ज़िन्दगी भी अजब क़िताब थी ©Saba Rasheed

#ज़िन्दगी #शायरी #किताब #Books  पलटते  ही  गए    सारे   पन्ने 
ज़िन्दगी भी अजब क़िताब थी

©Saba Rasheed
#Dil__ki__Aawaz #Books  हवाएँ चल रही हैं 
खामोशी क्या जताऊँ 
दिल में क्या है
इन हवाओं को क्या बताऊँ

©prinsi khare

#Dil__ki__Aawaz dil ki batein #Books

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#शायरी  गोशे गोशे में 
मेरे कमरे के 
बिखरे हुए ख़त
हैं निशानियां उस की
दिल मेरा बिखरा हुआ है
जिस बेवफ़ा की याद में

©हिमांशु Kulshreshtha

बिखरे पड़े हैं...

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उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ! न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !! हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता. ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages

#Quotes #Books  उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः !
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !!

हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता.

©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages

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