Curfew
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कर्फ़्यू लगा है मेरे विचारों पर कर्फ्यू भुख पर क्यों नहीं लगता कर्फ्यू लगा है मेरे आदर्शों पर कर्फ्यू भ्रष्टाचार पर क्यों नहीं लगता कर्फ्यू लगा है मेरी आजादी पर कर्फ्यू बलतकारीओ पर कयो नही लगता कर्फ्यू लगा है सुरेन्द्र लोहोट 05/10/2021 ©surender kumar

#Curfew2021  कर्फ़्यू  लगा है मेरे विचारों पर
कर्फ्यू भुख पर क्यों नहीं लगता
कर्फ्यू लगा है मेरे आदर्शों पर
कर्फ्यू भ्रष्टाचार पर क्यों नहीं लगता
कर्फ्यू लगा है मेरी आजादी पर
कर्फ्यू बलतकारीओ पर कयो नही लगता
कर्फ्यू लगा है

सुरेन्द्र लोहोट
05/10/2021

©surender kumar

#Curfew2021

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कर्फ़्यू परिवर्तन बहुत जरूरी है.... ********************* भ्रम टूट गया.हम भाई है. साबित ये हुआ कि कसाई है. माहे रमजान था खूनी खेल किया. दाग़े राकेट लो देखो विनाश किया. मानवता बिलखती.जाति धरम. लहरायेगा धरम का अब परचम. नैत्र तीसरा शिव खौलेंगे. अनहदनॉद करेगा अब डमरु. मां काली धारेगी खप्पर.भैरव का तॉडव बोलेगा खूब हुआ अपमान सहा.अब धरती अम्बर डौलेगा! परिवर्तन होना जरूरी है.ये रही आपदा जानी है. अब धर्म कर्म ही साफ़ करो.सतयुग की शुरु कहानी है!

#कविता  कर्फ़्यू  परिवर्तन बहुत जरूरी है....
*********************
भ्रम टूट गया.हम भाई है.
साबित ये हुआ कि कसाई है.
माहे रमजान था खूनी खेल किया.
दाग़े राकेट लो देखो विनाश किया.
मानवता बिलखती.जाति धरम.
लहरायेगा धरम का अब  परचम.
नैत्र तीसरा शिव खौलेंगे.
अनहदनॉद करेगा अब डमरु.
मां काली धारेगी खप्पर.भैरव का तॉडव बोलेगा
खूब हुआ अपमान सहा.अब धरती अम्बर डौलेगा!
परिवर्तन होना जरूरी है.ये रही आपदा जानी है.
अब धर्म कर्म ही साफ़ करो.सतयुग की शुरु कहानी है!

कर्फ़्यू परिवर्तन बहुत जरूरी है.... ********************* भ्रम टूट गया.हम भाई है. साबित ये हुआ कि कसाई है. माहे रमजान था खूनी खेल किया. दाग़े राकेट लो देखो विनाश किया. मानवता बिलखती.जाति धरम. लहरायेगा धरम का अब परचम. नैत्र तीसरा शिव खौलेंगे. अनहदनॉद करेगा अब डमरु. मां काली धारेगी खप्पर.भैरव का तॉडव बोलेगा खूब हुआ अपमान सहा.अब धरती अम्बर डौलेगा! परिवर्तन होना जरूरी है.ये रही आपदा जानी है. अब धर्म कर्म ही साफ़ करो.सतयुग की शुरु कहानी है!

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कर्फ़्यू उजड़ा उजड़ा आज हर शहर लगता है जैसे कुदरत का कहर लगता है ऐसी क्या तरक्की कर ली इंसान ने की इंसान को अब इंसान से ही डर लगता है .... ©Shahab

#शहर  कर्फ़्यू  उजड़ा उजड़ा आज हर शहर लगता है

जैसे कुदरत का कहर लगता है

ऐसी क्या तरक्की कर ली इंसान ने की

इंसान को अब इंसान से ही डर लगता है ....

©Shahab

#शहर

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कर्फ़्यू हर जगह कर्फ़्यू हर जगह सन्नाटा है, कोई नहीं दिखता यहां ना कोई यहां आता है, न जाने क्यों ये शहरें वीरान हो गई है, न जाने क्यों ये जिंदगी थम सी गई है, अजी मौत का तांडव हो रहा है हर शहर में, लोग कहते हैं अगर बचना है इस मौत के तांडव से तो अपने घर में रहें क्योंकि बाहर लगा कर्फ़्यू है ।। ©Anit kumar

#Curfew2021  कर्फ़्यू  हर जगह कर्फ़्यू हर जगह सन्नाटा है,
कोई नहीं दिखता यहां ना कोई यहां आता है,
न जाने क्यों ये शहरें वीरान हो गई है,
न जाने क्यों ये जिंदगी थम सी गई है,
अजी मौत का तांडव हो रहा है हर शहर में,
लोग कहते हैं अगर बचना है इस मौत के तांडव से तो अपने घर में रहें क्योंकि बाहर लगा कर्फ़्यू है ।।

©Anit kumar

#Curfew2021

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हाथों की लकीरें यकीनन मिटने लगी..! लहू - ए - तहरीरें दफ़तन जलने लगी..!! मिरे ख्वाहिश के आईने पर धूल क्या जमी..! कागजों पर लहू की बूंदें भी सूखने लगी..!! जो चला हर दफा मेरे साथ साय की तरह..! इक दौर-ए-मोहब्बत की उम्र घटने लगी..!! बहुत गुमान था इन हाथों की लकीरों पर..! झोली फकीरों की है लकीरें कहने लगी..!! मेरी दहलीज पर रेखाएं सख्त खींची गई..! जबसे हिज़्र नफ़स बनकर साथ रहने लगी..!! दरख़्त से टूटकर महज़ पत्ता हाथ ना लगा..! बाज़ार-ए-जिस्म की आंधियाँ चलने लगी..!! खुद की तस्वीर का अक़्स नजर न आता..! चेहरा-ए-गमज़दा पर लकीरें उभरने लगी..!! ©Darshan Raj

#Curfew2021 #Instagram #ग़ज़ल #darshan #Achanak  हाथों  की  लकीरें  यकीनन  मिटने लगी..!
लहू - ए - तहरीरें  दफ़तन  जलने  लगी..!!

मिरे ख्वाहिश के आईने पर धूल क्या जमी..!
कागजों पर लहू की बूंदें भी सूखने लगी..!!

जो चला हर दफा मेरे साथ साय की तरह..!
इक  दौर-ए-मोहब्बत की उम्र घटने लगी..!!

बहुत गुमान था इन हाथों की लकीरों पर..!
झोली फकीरों की है लकीरें कहने  लगी..!!

मेरी दहलीज पर रेखाएं  सख्त खींची गई..!
जबसे हिज़्र नफ़स बनकर साथ रहने लगी..!!

दरख़्त से  टूटकर महज़ पत्ता हाथ ना लगा..!
बाज़ार-ए-जिस्म की आंधियाँ चलने लगी..!!

खुद की तस्वीर  का अक़्स  नजर न आता..!
चेहरा-ए-गमज़दा पर लकीरें उभरने लगी..!!

©Darshan Raj

कर्फ़्यू कोरोना को रोकने के लिए कर्फ्यू ही बड़ा हथियार है, भीड़ में घुसकर कोरोना करता रहा चक्रव्यूह तैयार है। दो गज दूरी का पालन व मास्क लगाना खास बात है, सतर्क रहें सावधानियां अपनाकर देनी इसको मात है। आ रही तीसरी लहर भी ऐसा विशेषज्ञों का कयास है, जाना न घर छोड़ कहीं रहने अपने अपनों के साथ है। इम्तिहान की घड़ी में लक्ष्मन रेखा खींची है कर्फ्यू की, लांघना नहीं इसको यही दवा व दुआ बनी अपनों की। JP lodhi 11/05/2021 ©J P Lodhi.

#poetryunplugged #nojotowriters #NojotoFamily #NojotoFilms #nojotonews  कर्फ़्यू  कोरोना को रोकने के लिए कर्फ्यू ही बड़ा हथियार है,
भीड़ में घुसकर कोरोना करता रहा चक्रव्यूह तैयार है।
दो गज दूरी का पालन व मास्क लगाना खास बात है,
सतर्क रहें सावधानियां अपनाकर देनी इसको मात है।
आ रही तीसरी लहर भी ऐसा विशेषज्ञों का कयास है,
जाना न घर छोड़ कहीं रहने अपने अपनों के साथ है।
इम्तिहान की घड़ी में लक्ष्मन रेखा खींची है कर्फ्यू की,
लांघना नहीं इसको यही दवा व दुआ बनी अपनों की।
JP lodhi 11/05/2021

©J P Lodhi.
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