Dussehra Festival
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ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है। आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।। ©Rimpi chaube

#विजयादशमी #दशहरा #wishes  ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है।
जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है।
चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है।
आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।।

©Rimpi chaube

#विजयादशमी 🏹❤️ ये हुआ वो हुआ ये होगा वो होगा सबको किनारे लगाते है। जो होगा देखा जाएगा अभी से क्यूं चिंता गले लगाते है। चलो कुछ पल को ये सब भूल जाते है। आओ,हर्ष उल्लास से विजयादशमी मनाते है।। समस्त जन को #दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।

12 Love

#Happy Dussehra रात चाहे कितनी भी कारी क्यूँ ना हो सुबह तो होके ही रहेगी! युग चाहे कोई भी रहा हो असत्य पर सत्य की जीत हुई है और होती ही रहेगी!! ©Deepak Kumar 'Deep'

#Dussehra #Happy  #Happy Dussehra

रात  चाहे  कितनी भी 
कारी  क्यूँ  ना  हो
सुबह  तो  होके  ही  रहेगी!
युग  चाहे कोई भी रहा हो
असत्य पर सत्य की जीत
हुई  है और  होती  ही रहेगी!!

©Deepak Kumar 'Deep'

#Dussehra

12 Love

✍️दशहरा पर्व...✍️ दशहरे के पर्व को कुछ इस तरह मनाएं हम । कुछ बातों को अपने जीवन में अपनाएं हम ।। हर साल रावण को जलाने से आख़िर क्या होगा । अपने अंदर के रावण को इस बार जलाएं हम ।। सत्य का मार्ग ही विजय दिलाता है हमें एकदिन । बदलते समाज को यही बात याद दिलाएं हम ।। जहाँ नारी का सम्मान नहीं, विनाश वहीं होता है । इस दशहरे के उत्सव में यही बात समझ जाएँ हम ।। रामायण की कहानी से कुछ तो सीख लो "नीरज"। राम के आदर्शों से ज़िन्दगी में बदलाव लाएं हम ।। 🌹दशहरा पर्व की ढेरों शुभकामनाएं...🌹🌹🌹🌹 ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र श्रीवास्तव

#कविता #Dussehra2023  ✍️दशहरा पर्व...✍️

 दशहरे के पर्व को कुछ इस तरह मनाएं हम ।
 कुछ बातों को अपने जीवन में अपनाएं हम ।।

 हर साल रावण को जलाने से आख़िर क्या होगा ।
 अपने अंदर के रावण को इस बार जलाएं हम ।।

  सत्य का मार्ग ही विजय दिलाता है हमें एकदिन ।
   बदलते समाज को यही बात याद दिलाएं हम ।।

  जहाँ नारी का सम्मान नहीं, विनाश वहीं होता है ।
इस दशहरे के उत्सव में यही बात समझ जाएँ हम ।।

रामायण की कहानी से कुछ तो सीख लो "नीरज"।
राम के आदर्शों से ज़िन्दगी में बदलाव लाएं हम ।।

🌹दशहरा पर्व की ढेरों शुभकामनाएं...🌹🌹🌹🌹

        ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र श्रीवास्तव
#Motivational #Dussehra2020  There are three things you can do with your life You can waste it, you can spend it, or you can invest it.The best use of your life is to invest it in something that will last longer than your time on Earth..

Jai Jinendra 🌹

©Mayank Jain

#Dussehra2020

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भजन / वंदना: स्वाभिमान / राम रखना नित मेरा ध्यान मन में भरे रखना स्वाभिमान, रखु ह्रदय में राम तेरा नाम, मन ना भटके राग द्वेष में, राम रखना नित मेरा ध्यान ! तज करके सारे अभिमान, धीरज धर करूँ सारे काम, खबरों से मन ना भरमायें, राम रखना नित मेरा ध्यान! धर्म कर्म का देना पुण्य परिणाम, जोड़ हाथ करूँ तुझे नित प्रणाम, माया काया को ना भटकायें, राम रखना नित मेरा ध्यान! भक्ति करूँ मै सुबह और शाम, ईर्ष्या ग्लानि का ना हो काम, कर्म मेरे कभी ना पछतायें, राम रखना नित मेरा ध्यान! कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich

#poetananddadhich #kaviananddadhich #कविता #poetsofindia #Dussehra2023  भजन / वंदना: स्वाभिमान / राम रखना नित मेरा ध्यान

मन में भरे रखना स्वाभिमान,
रखु ह्रदय में राम तेरा नाम,
मन ना भटके राग द्वेष में,
राम रखना नित मेरा ध्यान !

तज करके सारे अभिमान,
धीरज धर करूँ सारे काम,
खबरों से मन ना भरमायें,
राम रखना नित मेरा ध्यान!

धर्म कर्म का देना पुण्य परिणाम,
जोड़ हाथ करूँ तुझे नित प्रणाम,
माया काया को ना भटकायें,
राम रखना नित मेरा ध्यान!

भक्ति करूँ मै सुबह और शाम,
ईर्ष्या ग्लानि का ना हो काम,
कर्म मेरे कभी ना पछतायें,
राम रखना नित मेरा ध्यान!

कवि आनंद दाधीच, भारत

©Anand Dadhich

फिर जन्म लो इस धरा अवतार बनकर राम जी फिर से बुराई छा रही अंधकार बनकर राम जी क्रोध,तृष्णा, लोभ, माया,ईर्ष्या, मद, कामना रोग रावण दो मिटा उपचार बनकर राम जी सीता मैया वाटिका में है अकेली आज भी आया है लंकेश फिर अय्यार बनकर राम जी जल रहा है पीड़ा से मन दग्ध तन संताप से बरसो तपती देही पे जलधार बनकर राम जी खंड विखंडित हो रही है कंठ माल्य धर्म की सारे मनके जोड़ दो तुम तार बनकर राम जी स्नेह शबरी का अधूरा श्रीपति हरी आप बिन 'राज' सिर पे हो सदा सरकार बनकर राम जी राजबीर खोरड़ा 05/10/2022 ©Rajbir Khorda

#Dussehra2020 #समाज  फिर जन्म लो इस धरा अवतार बनकर राम जी
फिर से बुराई छा रही अंधकार बनकर राम जी

क्रोध,तृष्णा, लोभ, माया,ईर्ष्या, मद, कामना
रोग रावण दो मिटा उपचार बनकर राम जी 

सीता मैया वाटिका में है अकेली आज भी
आया है लंकेश फिर अय्यार बनकर राम जी

जल रहा है पीड़ा से मन दग्ध तन संताप से
बरसो तपती देही पे जलधार बनकर राम जी

खंड विखंडित हो रही है कंठ माल्य धर्म की
सारे मनके जोड़ दो तुम तार बनकर राम जी

स्नेह शबरी का अधूरा श्रीपति हरी आप बिन
'राज' सिर पे हो सदा सरकार बनकर राम जी

राजबीर खोरड़ा
05/10/2022

©Rajbir Khorda
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