River
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कानों के झुमके, हाथों के कंगन या तेरे पैरों की झांझर में मिले, नुसरत व लता के गानों में नहीं, चैन मुझको तो तेरे आखर में मिले, दुनियाँ चाहती हो अपना मिलन चाहे हीर और राँझे के जैसा लेकिन मैं चाहता हूँ कि तू और मैं मिले ऐसे जैसे नदियाँ सागर में मिले। #चारण_गोविन्द

#चारण_गोविन्द #कविता #शायरी #CharanGovindG #govindkesher  कानों के झुमके, हाथों के कंगन या तेरे पैरों की झांझर में मिले,
नुसरत व लता के गानों में नहीं, चैन मुझको तो तेरे आखर में मिले,
दुनियाँ चाहती हो अपना मिलन चाहे हीर और राँझे के जैसा लेकिन
मैं चाहता हूँ कि तू और मैं मिले ऐसे जैसे नदियाँ सागर में मिले।

#चारण_गोविन्द
#शायरी #sucide #river  जो शख़्स दरिया किनारे भी प्यास से ही मरे
जहां  में  उससे  बड़ा  बदनसीब  कोई   नहीं

©Himanshu Kuniyal

#river #sucide #Poetry #शायरी #Love #Life

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#शायरी #river  आती जाती लहरों से बतियाती हूँ
बहते पानी में पीड़ा बहाती हूँ
जब घर में सताती है तेरी याद मुझे
तब नहर किनारे चली आती हू

©Trishika S Dhara

#river

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जसा अगरबत्तीचा सुगंध आनंद देवून हवेत विरून जातो , अगदी तसेच श्री गुरू महाराजांचे येणे आहे. येतात आनंद देतात व निघून जातात. काही नसणे म्हणजे तेच श्री महाराज व ह्या पुर्थ्वी वरील तत्त्व आहे. 👑🕉श्री सिद्ध योगी शंकर. 🕉👑 ©. श्रीरंग

#मराठीविचार  जसा अगरबत्तीचा सुगंध  आनंद देवून हवेत विरून जातो , अगदी तसेच श्री गुरू महाराजांचे येणे आहे. येतात आनंद देतात व निघून जातात. काही नसणे म्हणजे तेच श्री महाराज व ह्या पुर्थ्वी वरील तत्त्व आहे. 


                
                👑🕉श्री सिद्ध योगी शंकर. 🕉👑

©. श्रीरंग

जसा अगरबत्तीचा सुगंध आनंद देवून हवेत विरून जातो , अगदी तसेच श्री गुरू महाराजांचे येणे आहे. येतात आनंद देतात व निघून जातात. काही नसणे म्हणजे तेच श्री महाराज व ह्या पुर्थ्वी वरील तत्त्व आहे. 👑🕉श्री सिद्ध योगी शंकर. 🕉👑 ©. श्रीरंग

14 Love

#कविता #river  
 जाना है नदिया के पार
 जहां खड़े हैं मेरे खेवनहार.
 वहां जाऊं तो कैसे जाऊं
 तैरना आए ना किसे बताऊं
 बड़ी समस्या से हूं मैं दो चार
जाना है नदिया के पार।
 सच्ची जो मेरी भक्ति होगी
 जरूर इस भक्ति में शक्ति होगी 
 हो जाऊंगा मैं फिर भव पार
जाना है नदिया के पार

©Kamlesh Kandpal

#river

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#কবিতা #quaotes #river #viral #Poet #poem  এ নদী মাঠ খাল বিল
তীব্র দাবদাহে নিঃশ্চুপ,
বৃষ্টি নামে ধরাধামে
কী সুন্দর অপূর্ব রুপ... 

পূর্বালী    দে

©kolomkotha Purbali
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