tags

New जन्नत और जहन्नम Status, Photo, Video

Find the latest Status about जन्नत और जहन्नम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about जन्नत और जहन्नम.

  • Latest
  • Popular
  • Video

न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा। हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा। हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से, हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में, आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा।

हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा।
हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से,

हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में,

आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

Unsplash जन्नत से भी ज्यादा अज़ीज़ है मुझे अपने पुश्तैनी घर का ये आँगन क्योंकि इसी आँगन मे अच्छे से उम्र अपनी गुज़ार दीं है मैंने वो भी बिना किसी शिकवे शिiकायत के ©Parasram Arora

#Motivational  Unsplash जन्नत से भी 
ज्यादा  अज़ीज़ है मुझे 

अपने पुश्तैनी घर
 का ये आँगन

क्योंकि इसी आँगन मे 
अच्छे  से 
उम्र अपनी गुज़ार 
दीं है मैंने वो भी 
बिना किसी  शिकवे 
 शिiकायत के

©Parasram Arora

जन्नत जैसा aangn😍

13 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

इस्लामिक स्टेट ऑफ़ पाकिस्तान से जो इस वक्त मिसवर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है...! और यहाँ भारत में बेचारी मुस्लिम औरतों को बताया जा

144 View

न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा। हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा। हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से, हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में, आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा।

हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा।
हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से,

हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में,

आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

Unsplash जन्नत से भी ज्यादा अज़ीज़ है मुझे अपने पुश्तैनी घर का ये आँगन क्योंकि इसी आँगन मे अच्छे से उम्र अपनी गुज़ार दीं है मैंने वो भी बिना किसी शिकवे शिiकायत के ©Parasram Arora

#Motivational  Unsplash जन्नत से भी 
ज्यादा  अज़ीज़ है मुझे 

अपने पुश्तैनी घर
 का ये आँगन

क्योंकि इसी आँगन मे 
अच्छे  से 
उम्र अपनी गुज़ार 
दीं है मैंने वो भी 
बिना किसी  शिकवे 
 शिiकायत के

©Parasram Arora

जन्नत जैसा aangn😍

13 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora

 White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora

सुख और सुकून

13 Love

इस्लामिक स्टेट ऑफ़ पाकिस्तान से जो इस वक्त मिसवर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है...! और यहाँ भारत में बेचारी मुस्लिम औरतों को बताया जा

144 View

Trending Topic