Unsplash वो दिन याद करो
ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था
और स्त्री "ईव " थीं
तब न आखर था न शब्द न लिपि
न कोई आपस मे संवाद था
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित
हो गए थे
©Parasram Arora
आदम और ईव