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New लकड़ी चादर Status, Photo, Video

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Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" ©Anjali Singhal

#whatsappstatus #shayarilovers #AnjaliSinghal #lovestatus  Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

©Anjali Singhal

"तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" #SAD #Dard #whatsapp

16 Love

कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #coldwinter  कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

10 Love

White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी  और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे ©Parul Sharma

#खाद्यपदार्थ #मोहब्बत #मुर्गी #वृक्ष #गुलाब #लकड़ी  White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय
पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी 
और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे

©Parul Sharma

White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो कभी उस टहन्नी पर घुमा शाम तो शाम ढल गई कबकी मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।" -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali

#sad_quotes  White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी
और मेरे मन का पंछी अभी भी

किसकी राह पर निघाए लिए
इंतजार कर रहा था 

मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो 
कभी उस टहन्नी पर घुमा 

शाम तो शाम ढल गई कबकी 
मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।"

-LotusMali
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali

#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो

15 Love

White बेटे हैं रब्बा हम भी तेरे बेटे हैं तूने जैसी दी चादर हमें हम वैसी ही लपेटे हैं ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White बेटे हैं रब्बा हम भी तेरे
बेटे
हैं
तूने जैसी दी चादर हमें
हम वैसी ही
लपेटे
हैं

©Ram Prakash

#Sad_Status चादर

10 Love

White हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में, वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत बाजार में कीमत जानकर। दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से, वो जल्दी में था,चढ़ गया हमें बस एक सीढ़ी मानकर। हम तड़पते रहे उसकी यादों के सिलसिले में, उसने आह भी न की, वो खुश था नए रिश्तों की चादर ओढ़कर। ©Navneet Thakur

#शायरी #हम  White हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में,
वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत  बाजार में कीमत जानकर।

दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से,
वो जल्दी में था,चढ़ गया हमें बस एक सीढ़ी मानकर।

हम तड़पते रहे उसकी यादों के सिलसिले में,
उसने आह भी न की, वो खुश था नए रिश्तों की चादर ओढ़कर।

©Navneet Thakur

#हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में, वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत बाजार में कीमत जानकर। दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से, व

15 Love

Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" ©Anjali Singhal

#whatsappstatus #shayarilovers #AnjaliSinghal #lovestatus  Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

©Anjali Singhal

"तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" #SAD #Dard #whatsapp

16 Love

कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #coldwinter  कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

10 Love

White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी  और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे ©Parul Sharma

#खाद्यपदार्थ #मोहब्बत #मुर्गी #वृक्ष #गुलाब #लकड़ी  White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय
पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी 
और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे

©Parul Sharma

White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो कभी उस टहन्नी पर घुमा शाम तो शाम ढल गई कबकी मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।" -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali

#sad_quotes  White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी
और मेरे मन का पंछी अभी भी

किसकी राह पर निघाए लिए
इंतजार कर रहा था 

मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो 
कभी उस टहन्नी पर घुमा 

शाम तो शाम ढल गई कबकी 
मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।"

-LotusMali
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali

#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो

15 Love

White बेटे हैं रब्बा हम भी तेरे बेटे हैं तूने जैसी दी चादर हमें हम वैसी ही लपेटे हैं ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White बेटे हैं रब्बा हम भी तेरे
बेटे
हैं
तूने जैसी दी चादर हमें
हम वैसी ही
लपेटे
हैं

©Ram Prakash

#Sad_Status चादर

10 Love

White हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में, वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत बाजार में कीमत जानकर। दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से, वो जल्दी में था,चढ़ गया हमें बस एक सीढ़ी मानकर। हम तड़पते रहे उसकी यादों के सिलसिले में, उसने आह भी न की, वो खुश था नए रिश्तों की चादर ओढ़कर। ©Navneet Thakur

#शायरी #हम  White हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में,
वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत  बाजार में कीमत जानकर।

दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से,
वो जल्दी में था,चढ़ गया हमें बस एक सीढ़ी मानकर।

हम तड़पते रहे उसकी यादों के सिलसिले में,
उसने आह भी न की, वो खुश था नए रिश्तों की चादर ओढ़कर।

©Navneet Thakur

#हम समझे थे मिलेगा सहारा उसकी वफ़ा के साए में, वो सौदागर निकला, बेच आया मोहब्बत बाजार में कीमत जानकर। दिल लगाया था हमने बेइंतहा चाहत से, व

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