Parul Sharma

Parul Sharma Lives in Agra, Uttar Pradesh, India

तन मन में बहती है शब्दों की धारा

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White कोहरे की रजाई चू रही हैं या बरस रहा है दिसंबर सड़कों पे तैर रही हैं नदियां बढ़ता जा रहा ठंड का कहर ©Parul Sharma

 White कोहरे की रजाई चू रही हैं 
 या बरस रहा है दिसंबर 
सड़कों पे तैर रही हैं नदियां
बढ़ता जा रहा ठंड का कहर

©Parul Sharma

White कोहरे की रजाई चू रही हैं या बरस रहा है दिसंबर सड़कों पे तैर रही हैं नदियां बढ़ता जा रहा ठंड का कहर ©Parul Sharma

19 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पीड़ा वह पल है जो कल आज और कल है दिल जिसका साथी है और दिल नितांत अकेला और बेबस है ©Parul Sharma

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पीड़ा वह पल है
जो कल आज और कल है
दिल जिसका साथी है 
और दिल नितांत 
अकेला और बेबस है

©Parul Sharma

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पीड़ा वह पल है जो कल आज और कल है दिल जिसका साथी है और दिल नितांत अकेला और बेबस है ©Parul Sharma

15 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल की मासूमियत जो छीन ले वही कयामत है। ©Parul Sharma

#Quotes #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल की मासूमियत जो छीन ले वही कयामत है।

©Parul Sharma

#SunSet

12 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जितनी जरूरत अपनी वो उतना ही ज़रूरी था वरना इस दुनिया में कुछ भी जरूरी नहीं था इस प्रवृत्ति को स्वार्थ माना ही नहीं किसी ने किसी ने मजबूरी किसी ने स्वतंत्रता किसी ने मूलभूत आवश्यकता कह कर अपना अपना अधिकार समझा ©Parul Sharma

#Quotes  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जितनी जरूरत अपनी 
वो उतना ही ज़रूरी था
वरना इस दुनिया में कुछ भी जरूरी नहीं था 
इस प्रवृत्ति को स्वार्थ माना ही नहीं किसी ने
किसी ने मजबूरी किसी ने स्वतंत्रता 
किसी ने मूलभूत आवश्यकता कह कर
अपना अपना अधिकार समझा

©Parul Sharma

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जितनी जरूरत अपनी वो उतना ही ज़रूरी था वरना इस दुनिया में कुछ भी जरूरी नहीं था इस प्रवृत्ति को स्वार्थ माना ही नहीं किसी ने किसी ने मजबूरी किसी ने स्वतंत्रता किसी ने मूलभूत आवश्यकता कह कर अपना अपना अधिकार समझा ©Parul Sharma

17 Love

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वो पुराने खत कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी ना किसी की आह दब जाती है वो बटोर लेता है अपने दर्द इन शब्दों के गागर में अगर किसी का भी दिल हल्का हो जाय दर्द घट जाये तो रचना पूर्ण है इस गागर में सागर प्रेमिका व प्रेमी के प्रेम की अभिव्यक्ति है जो नज़्में लिखी जाती है अपने प्रेमी या प्रेमिका का के लिए जो सिर्फ एकतरफा हो दो तरफा भी हो समझे नहीं जाते या समझे भी जाते हो दफन तो नहीं है जाते वो हो जाते हैं अमर कवि और कवि की रचना की तरह तुमने जिन्हें जाना नहीं या थे अनभिज्ञ या जानबूझ कर अनजान थे वो मेरे पुराने प्रेम पत्र जो पहुंचे नहीं तेरे दिल तक वन कर नज़्म अमर हो रहे हैं हर किसी के दिल में जगह बना के किसी फिल्मी गाने की तरह गायें जाते हैं गायें जायेंगे क्योंकि वो प्रेम पत्र है सब अब बस वो प्रेम पत्र है गुमनाम प्रेमिका के प्रेमी के लिए गुमनाम प्रेमी के प्रेमिका के लिए अब बस वाकई वो प्रेम पत्र ही है फिल्मी गानों की तरह जिन्हें कोई भी गा सकता है अपने प्रेमी प्रेमिका के लिए ©Parul Sharma

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset  वो पुराने खत
कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं 
आज उन्हीं नज़्मों पर
खूब वाहवाही मिलती है 
तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या 
 इस वाहवाही में 
किसी ना किसी की
आह दब जाती है वो बटोर लेता है 
अपने दर्द इन शब्दों के गागर में 
अगर किसी का भी दिल हल्का हो जाय 
दर्द घट जाये तो रचना पूर्ण है
इस गागर में सागर 
प्रेमिका व प्रेमी के प्रेम की अभिव्यक्ति है
जो नज़्में लिखी जाती है
अपने प्रेमी या प्रेमिका का के लिए 
जो सिर्फ एकतरफा हो दो तरफा भी हो
समझे नहीं जाते या समझे भी जाते हो
दफन तो नहीं है जाते
वो हो जाते हैं अमर कवि 
और कवि की रचना की तरह
तुमने जिन्हें जाना नहीं या 
थे अनभिज्ञ या जानबूझ कर अनजान थे
वो मेरे पुराने प्रेम पत्र 
जो पहुंचे नहीं तेरे दिल तक 
वन कर नज़्म अमर हो रहे हैं 
हर किसी के दिल में जगह बना के
किसी फिल्मी गाने की तरह
गायें जाते हैं गायें जायेंगे 
क्योंकि वो प्रेम पत्र है 
सब अब बस वो प्रेम पत्र है 
गुमनाम प्रेमिका के प्रेमी के लिए 
गुमनाम प्रेमी के प्रेमिका के लिए 
अब बस वाकई वो प्रेम पत्र ही है 
फिल्मी गानों की तरह जिन्हें 
कोई भी गा सकता है 
अपने प्रेमी प्रेमिका के लिए

©Parul Sharma

वो पुराने खत जो कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी ना किसी की आह दब जाती है वो बटोर लेता है

12 Love

जो हो लवों पे मुस्कराहट तो मन खिला रहे हमेशा मन अगर हो जाए मंदिर तो जीवन सदा रहेगा कमल सा ©Parul Sharma

#lotus  जो हो लवों पे मुस्कराहट 
तो मन खिला रहे हमेशा 
मन अगर हो जाए मंदिर तो
जीवन सदा रहेगा कमल सा

©Parul Sharma

#lotus

15 Love

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