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New hindi kavita on love Status, Photo, Video

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नवीनता लिए प्रभात आ गया। मलिनता छँटी विभात छा गया।। विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा। उमंग ही भरो नहीं उचाटना।। ©Bharat Bhushan pathak

#newday  नवीनता लिए प्रभात आ गया।
मलिनता छँटी विभात छा गया।।
विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा।
उमंग ही भरो नहीं उचाटना।।

©Bharat Bhushan pathak

#newday love poetry in hindi poetry in hindi hindi poetry on life poetry on love hindi poetry

13 Love

White एक ही बात थी जो पूरी कर नहीं पाए एक ही ख़्वाहिश थी अधूरी रह गई मोहब्बत तो मेने अपने तरफ से पूरी की थी बस उसके तरफ से अधूरी रह गई करना बहुत कुछ था इस जवानी मे मगर बाते सिर्फ बाते रह गई अब कोई तेहवार अछा नहीं लगता मुझे अब तेहवारो मे वो बात नहीं रही बस खुद को बचाने के लिए यही दलील हमारे पास रह गई वैसे तो वो सब कुछ ले गया मेरे से जो भी था उसका बस उसकी यादे और उसकी खुशबु रह गई हमने सोचा था उसे बिछड़ेंगे तो मर जाय गे घर बिन-बियाही बहन को देख कर मरने की ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई ✍️✍️ ©साँस लेती hui lash

#दुनिया #joanelia #kavita #sayari  White एक ही बात थी जो पूरी कर नहीं पाए एक ही ख़्वाहिश थी अधूरी रह गई मोहब्बत तो मेने अपने तरफ से पूरी की थी बस उसके तरफ से अधूरी रह गई करना बहुत कुछ था इस जवानी मे मगर बाते सिर्फ बाते रह गई अब कोई  तेहवार अछा नहीं लगता मुझे अब तेहवारो मे वो बात नहीं रही बस खुद को बचाने के लिए यही दलील हमारे पास रह गई वैसे तो वो सब कुछ ले गया मेरे से जो भी था उसका बस उसकी यादे और उसकी खुशबु रह गई हमने सोचा था उसे बिछड़ेंगे तो मर जाय गे घर बिन-बियाही बहन को देख कर मरने की ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई 
✍️✍️

©साँस लेती hui lash

#Deep #sayari #SAD #Love #joanelia #poatry #kavita #true #Lines #दुनिया hindi poetry urdu poetry love poetry in hindi hindi poetry on life

15 Love

सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा ©Vijay Vidrohi

 सूख गए हों सबके प्राण 
झुक गया हो आसमान
6 दिसंबर 1956 को जब हुआ
बाबा साहब का महापरिनिर्वाण।

छोड़ गए हम सबका साथ 
रहा नहीं है सर पर हाथ 
उनके बिन अब कौन करेगा 
वंचित पिछड़ों के हकों की बात।

खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा
हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा 
आज तलक है मिशन अधुरा
बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा

©Vijay Vidrohi

baba sahb ko samrpit kavita hindi poetry on life poetry lovers love poetry in hindi metaphysical poetry punjabi poetry

17 Love

नवीनता लिए प्रभात आ गया। मलिनता छँटी विभात छा गया।। विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा। उमंग ही भरो नहीं उचाटना।। ©Bharat Bhushan pathak

#newday  नवीनता लिए प्रभात आ गया।
मलिनता छँटी विभात छा गया।।
विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा।
उमंग ही भरो नहीं उचाटना।।

©Bharat Bhushan pathak

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13 Love

White एक ही बात थी जो पूरी कर नहीं पाए एक ही ख़्वाहिश थी अधूरी रह गई मोहब्बत तो मेने अपने तरफ से पूरी की थी बस उसके तरफ से अधूरी रह गई करना बहुत कुछ था इस जवानी मे मगर बाते सिर्फ बाते रह गई अब कोई तेहवार अछा नहीं लगता मुझे अब तेहवारो मे वो बात नहीं रही बस खुद को बचाने के लिए यही दलील हमारे पास रह गई वैसे तो वो सब कुछ ले गया मेरे से जो भी था उसका बस उसकी यादे और उसकी खुशबु रह गई हमने सोचा था उसे बिछड़ेंगे तो मर जाय गे घर बिन-बियाही बहन को देख कर मरने की ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई ✍️✍️ ©साँस लेती hui lash

#दुनिया #joanelia #kavita #sayari  White एक ही बात थी जो पूरी कर नहीं पाए एक ही ख़्वाहिश थी अधूरी रह गई मोहब्बत तो मेने अपने तरफ से पूरी की थी बस उसके तरफ से अधूरी रह गई करना बहुत कुछ था इस जवानी मे मगर बाते सिर्फ बाते रह गई अब कोई  तेहवार अछा नहीं लगता मुझे अब तेहवारो मे वो बात नहीं रही बस खुद को बचाने के लिए यही दलील हमारे पास रह गई वैसे तो वो सब कुछ ले गया मेरे से जो भी था उसका बस उसकी यादे और उसकी खुशबु रह गई हमने सोचा था उसे बिछड़ेंगे तो मर जाय गे घर बिन-बियाही बहन को देख कर मरने की ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई 
✍️✍️

©साँस लेती hui lash

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15 Love

सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा ©Vijay Vidrohi

 सूख गए हों सबके प्राण 
झुक गया हो आसमान
6 दिसंबर 1956 को जब हुआ
बाबा साहब का महापरिनिर्वाण।

छोड़ गए हम सबका साथ 
रहा नहीं है सर पर हाथ 
उनके बिन अब कौन करेगा 
वंचित पिछड़ों के हकों की बात।

खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा
हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा 
आज तलक है मिशन अधुरा
बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा

©Vijay Vidrohi

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17 Love

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